इस्लामाबाद
इस्लामिक संगठनों की ओर से जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच पाकिस्तान की एक अदालत ने मंगलवार को नाबालिग हिंदू लड़की को बाल संरक्षण केंद्र में भेजने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने स्थानीय पुलिस को उसके आरोपी मुस्लिम पति अली रजा सोलंगी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
सूत्रों का कहना है कि कड़ी सुरक्षा के बीच नाबालिग हिंदू लड़की को जैकबाबाद की अदालत में पेश किया गया। यहां बता दें कि जमीयत उलमा-ए-इस्लाम पाकिस्तान सहित कई मुस्लिम संगठन आरोपी शख्स के खिलाफ कार्रवाई से नाराज है।
जैकबाबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुलाम अली कांसिरो ने आदेश दिया है कि फिलहाल नाबालिग लड़की को लरकाना के डार-उल-अमन से निकटतम बाल संरक्षण संस्थान में शिफ्ट कर दिया जाए। अदालत ने स्थानीय पुलिस को भी लड़की की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने इस मामले में सिंध बाल विवाह निरोधक अधिनियम, 2013 की धारा 3 और 4 का उल्लंघन माना है और इसी के तहत आरोपी अली रजा के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि वह मुख्य आरोपी अली रजा के अलावा इस निकाह को कराने में शामिल लोगों को चिन्हिंत करे और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे।
कोर्ट के आदेश पर अखिल पाकिस्तान हिंदू पंचायत के महासचिव, रवि दावानी ने कहा, 'जैकबाबाद में जारी तनाव के बीच कोर्ट का यह आदेश स्वागत योग्य है।'
नाबालिग हिंदू लड़की ने पहले कहा था कि उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है और अपनी मर्जी से अली रजा से शादी की है। वहीं दूसरे विडियो में वह कह रही है कि उसके साथ जबरदस्ती हुई है। वह हिंदू ही बने रहना चाहती है और उसे अपने परिवार के पास भेज दिया जाए।
मालूम हो कि इस घटना के विरोध में पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं समेत ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों ने लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है। इस मामले को लेकर पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर लोगों ने गुस्सा जाहिर किया और लड़की के न्याय की मांग की है।