नई दिल्ली
भारत-साउथ अफ्रीका के बीच इस समय जारी टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया में शामिल किए गए विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा खुशकिस्मत माने जाएंगे कि कंधे की सर्जरी के बाद लंबे समय तक टीम से बाहर रहने के बावजूद उन्हें वापसी का मौका मिला। इसके पीछे साहा की भरोसेमंद विकेटकीपिंग और टेस्ट के लिए मुफीद मानी जाने वाली बैटिंग तो रही ही, इसमें बाएं हाथ के युवा बल्लेबाज और विकेटकीपर ऋषभ पंत द्वारा खुद को मिले मौकों को सही तरीके से भुना न पाना भी उतना ही जिम्मेदार रहा। अलबत्ता, फिटनेस और चोट की समस्या से जूझ रहे हर क्रिकेटर की टीम इंडिया में वापसी आसान नहीं होती।
भारतीय टीम में हर पोजिशन के लिए मुकाबला कड़ा है, इसीलिए चोटिल होकर टीम से बाहर होने वाले प्लेयर के रोल में तब तक कोई और खुद की उपयोगिता साबित कर देता है। ऐसे में जब तक कोई क्रिकेटर फिट होकर वापसी के लिए तैयार होता है चयनकर्ताओं के सामने नए विकल्प सामने आ जाते हैं। अभी हाल में चोटों का शिकार हुए ऐसे कुछ टॉप क्रिकेटर्स पर नजर डाल सकते हैं:
हार्दिक पंड्या
ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या को हाल ही में भारत-साउथ अफ्रीका के बीच खेली गई टी20 सीरीज के दौरान फिर से पीठ की तकलीफ गंभीर होकर उभर गई। हार्दिक को यह परेशानी पिछले साल सितंबर में एशिया कप के दौरान दुबई में हुई थी, जोकि फिर से सामने आई है। चोट इतनी ज्यादा थी कि उन्हें इंग्लैंड जाकर बैक की सर्जरी करानी पड़ी। ऐसे में उन्हें महीनों तक क्रिकेट मैदान से दूर रहना होगा। बेहद कम समय में हार्दिक तीनों ही फॉर्मेट्स में टीम इंडिया के लिए 'ट्रंप कार्ड' बनकर उभरे हैं। अपनी पावर हिटिंग के साथ-साथ वह गेंद के साथ भी कमाल दिखा जाते हैं, ऐसे में टीम के बैलेंस पर तो असर पड़ेगा ही, खुद इस क्रिकेट के लिए करियर के इस अहम पड़ाव पर यह घातक साबित हो सकता है।
जसप्रीत बुमराह
थोड़े समय में ही भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण का सबसे घातक हथियार बन चुके जसप्रीत बुमराह हाल ही में 'स्ट्रेस फ्रैक्चर' के कारण टीम से बाहर हो गए। क्रिकेट के कई विशेषज्ञ बुमरा के यूनीक बोलिंग ऐक्शन को इसका एक कारण मानते हैं। जानकारों का कहना है कि अपने जिस ऐक्शन के चलते बुमरा दुनियाभर के बल्लेबाजों के लिए परेशानी खड़ी करते हैं, दरअसल वही उनकी बॉडी पर जरूरत से ज्यादा प्रेशर डालता है।
हालांकि आशीष नेहरा जैसे कुछ पूर्व तेज गेंदबाजों की नजर में बुमराह की चोट का ऐक्शन से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन इस बात को लेकर तो लगभग सभी एकमत हैं कि भारत के इस नंबर वन फास्ट बोलर का ऐक्शन उनके शरीर पर जरूरत से ज्यादा दबाव डालता है। फिलहाल यह बताया गया है कि बुमराह करीब दो महीने तक क्रिकेट से दूर रहेंगे। वेस्ट इंडीज के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने भी सलाह दी है कि अगर बुमराह को अपने करियर को लंबा करना है तो उन्हें अपने बोलिंग ऐक्शन और रनअप में कुछ बदलाव करने होंगे।
विजय शंकर
तमिलनाडु के ऑलराउंडर विजय शंकर की कहानी अजीबोगरीब रही। उन्हें इस साल वर्ल्ड कप की टीम में अंबाती रायुडू पर तरजीह देते हुए चुना गया। विजय का सफर हालांकि निराशाजनक रहा और एड़ी की चोट के कारण वह स्क्वॉड से बाहर हो गए और विश्व कप में नहीं खेल पाए। उनकी जगह मयंक अग्रवाल को चुना गया था। शंकर की चोट पर रहस्य गहराया रहा। रिपोर्टों में कहा गया कि दरअसल वह चोटिल नहीं हैं बल्कि टीम मैनेजमेंट का अचानक से उन पर भरोसा कम हो गया है और एक योजना के तहत शंकर को स्वदेश रवाना किया गया। इस वक्त शंकर फिट हैं और विजय हजारे ट्रोफी में उन्होंने कुछ उम्दा पारियां भी खेली हैं, लेकिन वह टीम इंडिया में कमबैक कब कर पाएंगे यह तो वक्त ही बताएगा।
पृथ्वी शॉ
साल-2018 की शुरुआत में अंडर-19 वर्ल्ड कप की विजेता भारतीय टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ का करियर भी शुरुआत में ही सवालों में घिर गया। मुंबई के इस युवा स्ट्रोक प्लेयर में क्रिकेट पंडित सचिन के बाद 'नए लिटिल मास्टर' की छवि देख रहे हैं। टीम इंडिया के लिए पृथ्वी ने घर में ही वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट सेंचुरी जमाते हुए अपना ड्रीम इंटरनैशनल डेब्यू भी किया। लेकिन, ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गए पृथ्वी टखने की चोट का शिकार हो गए और उन्हें सीरीज से बाहर होकर स्वदेश लौटना पड़ा था।
इस साल मई में वह मुंबई प्रीमियर लीग के दौरान कूल्हे की चोट का भी शिकार हो गए। इतना ही नहीं, जुलाई में डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद बीसीसीआई ने उन पर आठ महीने का बैन लगा दिया जोकि इस साल 15 नवंबर तक चलेगा। इन वजहों से वह लंबे वक्त से इंटरनैशनल क्रिकेट से दूर हैं। जाहिर है कि एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर करियर की शुरुआत में ही मुश्किलों में घिर गया है।