भोपाल
हस्तशिल्प के लिए विख्यात चंदेरी को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की क्रिएटिव सिटी श्रेणी में नामांकित किया है। अशोकनगर जिला प्रशासन के आवेदन पर यह नामांकन हुआ है। अब यूनेस्को का एक दल 98 दिन की यात्रा पर चंदेरी आकर 10 बिंदुओं के आधार पर मूल्यांकन करेगा। इसके बाद यूनेस्को इसे विश्व धरोहर की क्रिएटिव सिटी घोषित कर सकता है। यदि ऐसा हुआ, तो यहां पर्यटन में इजाफ ा होगा।
उल्लेखनीय है कि चंदेरी में ऐतिहासिक महत्व के स्थलों के अलावा हस्तशिल्प कला विख्यात है। यहां की साडिय़ां दूर-दूर तक प्रसिद्ध हैं। बताया जाता है,कि मप्र पर्यटन विभाग की पहल पर चंदेरी को विश्व धरोहर में शामिल कराने के लिए यूनेस्को में आवेदन किया गया था। हमारे लिए गर्व की बात है कि यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर के तहत क्रिएटिव सिटी की सूची में नामांकित किया है। यदि चंदेरी को विश्व धरोहर का दर्जा मिला, तो यह वैश्विक पर्यटन नक्शे पर आ जाएगा।
जिला प्रशासन की ओर से चंदेरी को वैश्विक मानचित्र पर लाने के लिए लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं। पूर्व में हुए कार्यों को लेकर नई दिल्ली स्थित यूनेस्को के कार्यालय में चंदेरी के मुख्य नपाधिकारी केवी सिंह ने प्रस्तुतिकरण भी दिया था।
बताया जाता है,कि अब बेल्जियम से यूनेस्को का एक दल 98 दिन की यात्रा पर चंदेरी आएगा। जो अपने मापदंड के 10 बिंदुओं पर मूल्यांकन करेगा। यहां की संस्कृति, कला सहित अन्य विषयों पर स्थानीय लोगों के सुझाव लेगा। इस मूल्यांकन के बाद यूनेस्को तय करेगा कि चंदेरी को विश्व धरोहर की क्रिएटिव सिटी का दर्जा दिया जाए या नहीं। यदि यह दर्जा मिला, तो यहां विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ जाएगी।