भाोपाल
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों का सुधार कर नई तकनीक के माध्यम से नवंबर tak पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने अफसरों को दूसरे राज्यों की सड़क निर्माण की तकनीक का अध्ययन करने को कहा है। प्रदेश में भारी वर्षा के कारण 91,927 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत की जाना है।
कमल नाथ ने कहा कि सभी क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मत का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता हो। उन्होंने इसके लिए वित्तीय संसाधन को जुटाने और इसके कारण कार्य में कोई बाधा न आए इसके निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। सुधार कार्य में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हो। नाथ ने स्पष्ट कहा कि गुणवत्ता के मामले कोई भी कोताही न होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सड़कों के रख-रखाव और निर्माण कार्यों में अन्य राज्यों में अपनाई गई प्रक्रिया का अध्ययन करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि इस बात की तुलना होना चाहिए कि सड़क निर्माण के बाद प्रदेश और अन्य राज्यों की सड़कों की आयु सीमा कितनी है। नाथ ने कहा कि सड़कों का निर्माण इस तरह किया जाए कि भारी वर्षा के कारण सड़कें खराब न हो।
केंद्र सरकार को भेजा जाए प्रस्ताव
प्रदेश में लोक निर्माण विभाग की 5,954 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है। जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग की 199 किमी, राजमार्ग 786 किमी, जिला स्तर की 1,787 किमी तथा अन्य 3,282 किमी सड़कों को भारी वर्षा के कारण नुकसान पहुँचा है। वर्षा के कारण 1,015 पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हुई हैं। नगरीय क्षेत्रों की 3,800 किमी की सड़कों को क्षति पहुँची है। ग्रामीण क्षेत्रों की 82,173 किमी सड़कों का रख-रखाव किया जाना है। इन सभी सड़कों का सुधार कार्य नवम्बर माह तक पूरा कर दिया जाएगा। सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार को भी प्रस्ताव भेजा जाए।