भोपाल
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत काम कर रहे सैकड़ों स्वसहायता समूहों के उत्पाद जल्द ही अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कामर्स प्लेटफार्म के जरिए बेचे जाएंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत काम कर रहे स्वसहायता समूह बड़ी, पापड़, आचार, दूध से बने उत्पाद, दरी, रेडीमेट गारमेंट, सजावटी सामान, पीतल और अन्य धातुओं से बने सामान, संगमरमर और पत्थर शिल्प के सामान, जरी-जरदोसी के सामान, अगरबत्ती, कंडे, गोबर से बनी लकड़ी, सेनेटरी नेपकिन,जैविक खाद, जैविक बीज और कई उत्पाद तैयार कर रहे है। लेकिन इन उत्पादों को बेहतर मार्केट उपलब्ध नहीं होने के कारण इनकी आमदनी काफी कम रहती है। इसलिए विभाग अब अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कामर्स प्लेटफार्म के जरिए इन उत्पादों की ब्रांडिंग और बिक्री करवाने की तैयारी में है।
विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी स्वसहायता समूहों को अपने उत्पादों की लिस्ट तैयार करने, उनकी पैकेजिंग में सुधार लाने के निर्देश दिए है। इसमें से चुनिंदा उत्पाद की अंतराष्टÑीय स्तर पर बिक्री करवाने के लिए अमेजन और फ्लिपकार्ट से बात की जा रही है। सीधे मार्केटिंग होने से स्वसहायता समूहों को भी उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिलेगी और ज्यादा मांग बढ़ने पर उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।
हर ब्लॉक में किसी खास किस्म के उत्पाद को तैयार करने का एकाधिकार दिया जाएगा। हर समूह से कुछ विशेष वस्तुएं तैयार कराई जाएंगी ताकि उनके उत्पादों की मांग भी बढ़े। इससे स्वसहायता समूह अलग-अलग गुणवत्ता के कई उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध करा सकेंगे।
स्वसहायता समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग करने के लिए भी रणनीति तैयार की जाएगी। इसके अलावा उत्पादों की बिक्री के लिए विज्ञापन नीति भी बनाई जाएगी जिसमें कम खर्च में ज्यादा प्रचार-प्रसार हो सके।