नई दिल्ली
भारत के सुरक्षा बल आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। यदि आतंकी कोई वारदात करने की कोशिश करते हैं तो सुरक्षा बलों की टीम फिर से किसी सर्जिकल स्ट्राइक से नहीं चूकेगी। भविष्य में 'सर्जिकल स्ट्राइक' जैसे किसी भी ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह तैयार हैं। आतंकियों के खिलाफ ऐसी किसी भी कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए सुरक्षाबलों ने गुजरात में पाकिस्तान बॉर्डर के पास 'फर्स्ट वॉरगेम्स' (युद्धाभ्यास) को अंजाम दिया। सबसे खास बात यह है कि इस अभ्यास में आर्मी, एयर फोर्स और नेवी के स्पेशल कमांडो ने एक साथ हिस्सा लिया।
सूत्रों का कहना है कि यह पहला मौका है, जब तीनों सेनाओं की स्पेशल फोर्स ने इस तरह एक साथ ट्रेनिंग और अभ्यास किया हो। डिफेंस से जुड़े सूत्रों का कहना है, 'ऑर्म्ड फोर्स स्पेशल ऑपरेशन डिविजन (AFSOD) के इस पहले अभ्यास का नाम 'स्मेलिंग फील्ड' था। इसे गुजरात के नालिया में अंजाम दिया गया। यहां भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना का अहम बेस है। नालिया कच्छ जिले का हिस्सा है।'
आर्मी, नेवी और वायु सेना के स्पेशल कमांडो ने इस 'वॉरगेम' में हिस्सा लिया। इस दौरान कमांडो ने आतंकियों से निपटने के दौरान सामने आने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अभ्यास किया। सूत्रों का कहना है कि यह अभ्यास रविवार को पूरा हुआ। सूत्रों का यह भी कहना है कि इस तरह के अभ्यास आगे भी किए जाएंगे। आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल ऑपरेशन डिविजन का नेतृत्व मेजर जनरल अशोक ढींगरा कर रहे हैं। मेजर जनरल ढींगरा इस टीम के पहले चीफ हैं।
आर्मी, नेवी और वायु सेना के स्पेशल कमांडो को स्पेशल ऑपरेशन डिविजन में साथ ट्रेंड किया जा रहा है। तीनों सेनाओं की स्पेशल फोर्स आम तौर पर अलग-अलग काम करती है, लेकिन एएफएसओडी के तहत तीनों के स्पेशल कमांडों एक साथ अभ्यास कर रहे हैं।
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