रायपुर
केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते प्रदेश के स्टील उद्योगपतियों से रूबरू हुए। कुलस्ते ने स्टील उद्योग की समस्याओं पर चर्चा की। उद्योगपतियों ने एनजीटी के आदेश पर चिंता जाहिर की है। साथ ही साथ स्टील सेक्टर को बढ़ाने के लिए वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से समर्थन के लिए केन्द्रीय मंत्री से आग्रह किया।
श्री कुलस्ते चेम्बर आॅफ कॉमर्स के कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे। उन्होंने प्रदेश के स्टील उद्योगपतियों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं पर लंबी चर्चा की। उद्योगपतियों ने ग्रीन फील्ड स्टील के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सभी जरूरी सुविधाएं प्रदान करने के केन्द्र सरकार के प्रस्ताव का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सभी मौजूदा स्टील इकाईयों को जीवित रखने और उन्हें बनाए रखने के लिए समन्वित अंतर मंत्रालयों की सहायता प्रदान करने की तत्काल जरूरत है। उद्योगपति ने बताया कि एनजीटी ने एक फैसले ने इकाईयों को बंद करने, कठोर दण्ड लगाने और अपराधिक मामला दर्ज करने सहित कठोर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड के वर्गीकरण के अनुसार 69 उद्योग समूह में स्थापित लाल और नारंगी श्रेणी में आने वाले सभी उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इन उद्योगों को गंभीर रूप से प्रदूषित और प्रदूषित क्षेत्रों में माना गया है।
उन्होंने कहा कि उद्योगों को ढंग से लागू किया जाता है, तो यह निश्चित है कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था में एक कहर पैदा कर सकता है। क्योंकि हजारों उद्योगों को व्यक्तिगत रूप से निर्धारित पर्यावरणीय मानदंडों का पालन करने के बाद भी बंद होने के डर का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि राज्य मशीनरी उद्योगों को बंद होने से रोकने के लिए जरूरी कार्रवाई कर रही है, लेकिन केन्द्रीय मंत्रालयों के हस्तक्षेप की जरूरत है। इस तरह की कोई भी कार्रवाई भंयकर आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और एनपीए के निर्माण में योगदान कर सकती है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्टील सेक्टर को बढ़ाने के लिए वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की समर्थन की जरूरत है। वित्तीय बैंकों की वित्तीय सहायता के बिना कोई भी गतिविधि नहीं बनाई जा सकती है। बैंकों के शीर्ष स्तर पर प्रबंधन में निर्णय लेने की कमी आई है और जिसके फलस्वरूप ऋण लेने में बहुत कम वृद्धि हुई है। उद्योगपतियों ने यह भी बताया कि इस्पात क्षेत्र को उपेक्षित है और पर्याप्त मदद नहीं मिल रही है। उद्योग संघों ने कोल उत्पादन को बढ़ाने का भी सुझाव दिया है कि देश में कोयला उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए कोयला खदानों को फास्ट ट्रैक के आधार पर नीलाम किया जाना चाहिए। चर्चा के दौरान चेम्बर आॅफ कॉमर्स जीतेन्द्र बरलोटा, ललित जैसिंघ, प्रकाश अग्रवाल, आलोक सिंह, लालचंद गुलवानी, प्रकाश लालवानी, हरचरण सिंह साहनी और रमेश अग्रवाल सहित कई उद्योगपति मौजूद थे।