रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार ने गुरुवार को एक बड़ा आदेश जारी किया. बता दें कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (Food and Drug Administration Department) ने प्रदेश के सभी फल विक्रेताओं को स्टीकर लगे हुए फल नहीं बेचने की अपील की है. इसके साथ ही प्रशासन से आम नागरिकों से स्टीकर लगे फल नहीं खरीदने की नसीहत दी है. अब खाद्य विभाग की टीम फल विक्रेताओं पर सख्त तौर पर नजर रखने वाली है. अब अगर कोई भी खाद्य कारोबारी असुरक्षित खाद्य चीजों को अगर इकट्ठा करे, उसे बांटे और या बेचते पाया जाएगा तो उनके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सख्त सजा और जुर्माने की कार्रवाई हो सकती है.
खाद्य विभाग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए स्टीकर लगे फल की बिक्री पर रेक लगा दी है. इसके साथ ही आम लोगों से ऐसे स्टीकर लगे हुए फल नहीं खरीदने की अपील की है. अब अगर कोई फल विक्रेता स्टीकल लगे फल बेचते दिखा तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. खाद्य विभाग की एक टीम अब फल विक्रेताओं पर निगरानी भी रखने वाली है.
खाद्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बाजार में बिकने वाले सेब, आम, संतरा, अमरूद, केला, सीताफल, नाशपाती सहित कई फलों में स्टीकर लगे हुए होते हैं. वहीं अधिकांश फल विक्रेता स्टीकर का इस्तेमाल फलों को प्रीमियम दिखाने या कई बार फलों के खराब हिस्सों की खामियां छुपाने के लिए करते हैं. बता दें कि फलों पर जो स्टीकर चिपके होते है उन पर व्यापारियों के ब्राण्ड का नाम, ओके टेस्टेड, बेस्ट क्वालिटी या फल का नाम लिखा होता है.
बता दें कि अक्सर फल विक्रेता फलों में स्टीकरों का इस्तेमाल उत्पाद को प्रीमियम दर्जे का दिखाने के लिए करते है फलों के पर लगे स्टीकर में कैमिकल होता है और कैमिकल की वजह से फल दूषित हो जाता है. खाद्य विभाग के मुताबिक स्टीकर में लगे गोंद में खतरनाक कैमिकल होते है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी खानिकारक है. अब खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत फल विक्रेता असुरक्षित खाद्य का संग्रह, वितरण, विक्रय नहीं कर सकता. साथ ही कोई भी व्यक्ति सड़ी-गली फल और सब्जियों को बेच भी नहीं सकता. फल और सब्जियों में मोम, खनिज तेल, रंगों लगाने पर भी बैन लगा दिया गया है.