राजनीति

सोमवार को गवर्नर से मिलेगी शिवसेना, शाह से फडणवीस और सोनिया से मिलेंगे पवार

नई दिल्ली 
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान अब क्लाइमैक्स पर पहुंचने की ओर है। सोमवार का दिन महाराष्ट्र की सियासत के लिए काफी रहने वाला है। सीएम देवेंद्र फडणवीस बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात करेंगे। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मिलेंगे और शिवसेना को समर्थन के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। वहीं, शिवसेना गवर्नर से मुलाकात करने वाली है और खास बात यह है कि वह उनसे इस बात की गुजारिश करने वाली है कि वह सिंगल लार्जेस्ट पार्टी को सरकार बनाने के लिए न्योता दें। यानी बीजेपी को सरकार बनाने के लिए कहे। साफ है, शिवसेना अब खींचतान को और लंबा खींचने के मूड में नहीं हैं और चाहती है कि बीजेपी आलाकमान अपनी चुप्पी तोड़े और बातें खुलकर व जल्दी साफ हों। 

शाह से मिलेंगे फडणवीस
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सोमवार को अमित शाह से मिलने दिल्ली जा रहे हैं। जाहिर तौर पर सीएम के दिल्ली दौरे की वजह राज्य में बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिए केंद्रीय सहायता की मांग बताया जा रहा है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अमित शाह के साथ शिवसेना के मुद्दे पर बात करने जा रहे हैं। पहले खबर थी कि सोमवार को अमित शाह मुंबई आने वाले हैं, लेकिन ऐन वक्त पर फडणवीस को ही दिल्ली बुला लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि बुधवार तक बीजेपी-शिवसेना गतिरोध खत्म होने के आसार हैं। 

आज सोनिया-पवार मुलाकात 
राज्य के राजनीतिक समीकरणों पर चर्चा करने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं। इस मुलाकात के दौरान बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए महाराष्ट्र में शिवसेना को समर्थन देने या न देने के मुद्दे पर रणनीतिक फैसला होने की उम्मीद है। हालांकि कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि जब तक बीजेपी सरकार गिरती नहीं है या फिर शिवसेना खुद कांग्रेस से समर्थन नहीं मांगती, वह इस दिशा में कोई पहल नहीं करेगी। 

फडणवीस देंगे 2 मंत्रालयों की कुर्बानी! 
देवेंद्र फडणवीस अपना मुख्यमंत्री पद बचाने के लिए बीजेपी के 2 वरिष्ठ मंत्रियों के मंत्रालयों की कुर्बानी देकर शिवसेना की नाराजगी दूर करने की योजना बना रहे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के अंदर यह चर्चा जोरों पर है। सूत्रों का यह भी कहना है कि बीजेपी शिवसेना को मुख्यमंत्री पद की जिद छोड़ने के एवज में मंत्री पदों के समान बंटवारे का ऑफर भी दे सकती है। इससे पहले बीजेपी के 26 मंत्री और शिवसेना के 13 मंत्री पद के ऑफर को शिवसेना ठुकरा चुकी है। 

राजस्व मंत्रालय और वित्त मंत्रालय शिवसेना को दे सकती है बीजेपी 
वर्तमान सरकार में राजस्व मंत्रालय चंद्रकांत पाटील के पास और वित्त मंत्रालय सुधीर मुनगंटीवार के पास हैं। यह दोनों ही मंत्री राज्य में बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और दोनों को पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री मटीरियल माना जाता है। बता दें कि शिवसेना पहले ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद के अलावा गृह, वित्त, राजस्व और नगर विकास जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों के साथ सत्ता के समान बंटवारे की मांग पर अड़ी हुई है। इनमें से गृह और नगर विकास मंत्रालय खुद देवेंद्र फडणवीस के पास हैं। बीजेपी के अंदर यह भी चर्चा है कि अगर राजस्व और वित्त मंत्रालय शिवसेना को दिए गए, तो फिर देवेंद्र फडणवीस को चंद्रकांत पाटील और सुधीर मुनगंटीवार के लिए गृह और नगर विकास मंत्रालय छोड़ने पड़ सकते हैं। अगर वास्तव में ऐसा होता है, तो इसका सीधा असर यह होगा कि सरकार पर फडणवीस की पकड़ ढीली हो जाएगी। फिलहाल शिवसेना के रुख को देखते हुए यह भी नहीं कहा जा सकता कि शिवसेना राजस्व और वित्त मंत्रालय लेकर मुख्यमंत्री पद की अपनी मांग छोड़ देगी। 

शिवसेना का 175 विधायकों के समर्थन का दावा 
बीजेपी पर दबाव बढ़ाते हुए शिवसेना की तरफ से सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि अब अगर बीजेपी से बातचीत होगी, तो केवल मुख्यमंत्री पद को लेकर ही होगी। इसके अलावा राउत का दावा है कि शिवसेना के पास 170 से ज्‍यादा विधायकों का समर्थन है और यह आंकड़ा 175 तक जा सकता है। इससे पहले राउत ने शिवसेना के मुखपत्र में लिखे एक लेख में लिखा कि 'युति' थी, इसलिए 'गति' मिली। अगर शिवसेना साथ नहीं होती, तो बीजेपी को मिलीं 105 सीटों का आंकड़ा 75 के पार नहीं होता। 

उद्धव, फडणवीस ने किसानों का लिया हाल 
उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस दोनों ही नेता रविवार को बारिश से प्रभावित किसानों का हालचाल जानने के लिए किसानों के बीच गए। उद्ध‌व मराठवाडा के औरंगाबाद में किसानों से मिले और फडणवीस विदर्भ के अकोला में किसानों से मिले। दोनों ने सरकार स्थापना के मुद्दे पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कमोबेश एक ही बात कही। उद्धव ने कहा, 'कुछ दिनों में स्थिति साफ होगी।' वहीं फडणवीस ने कहा, 'जल्द ही सरकार का गठन होगा।'

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