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सुप्रीम कोर्ट में सीएए के खिलाफ याचिका: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सरकार से मांगी रिपोर्ट

तिरुवनंतपुरम 
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें सूचित किए बिना संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने के लिए सीपीएम नीत लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार से रिपोर्ट मांगी है। राज भवन कार्यालय ने राज्य के मुख्य सचिव से यह रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच तकरार बढ़ती ही जा रही है। बता दें कि सीएए के खिलाफ पंजाब में भी प्रस्ताव पास हुआ है, जबकि कांग्रेस शासित दूसरे राज्य भी तैयारी कर रहे हैं। राज भवन के एक शीर्ष सूत्र ने रविवार को कहा, 'राज्यपाल कार्यालय ने सीएए के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख करने के सरकार के कदम के बारे में उन्हें सूचित नहीं करने को लेकर मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। राज्यपाल ने कहा है कि वह चुपचाप बैठकर तमाशा नहीं देखेंगे।' गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने इससे पहले राज्य सरकार को इस कदम के लिए फटकार लगाई है। इस दौरान केरल गवर्नर ने यह भी कहा कि उनके और राज्य सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं है बल्कि संवैधानिक मशीनरी का पतन न हो, यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है। 

राज्यपाल और सरकार में उस वक्त से टकराव चल रहा है, जब राज्य विधानसभा ने नए कानून को निरस्त करने के लिए पिछले महीने एक प्रस्ताव पारित किया था। खान ने सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने के फैसले की सूचना उन्हें नहीं दिए जाने को लेकर भी सरकार से अप्रसन्नता जताई थी। राज्‍यपाल आरिफ मोहम्‍मद खान ने इससे पहले कहा था, 'मुझे राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट में जाने से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उन्‍हें सबसे पहले मुझे सूचित करना चाहिए था। मैं राज्‍य का संवैधानिक प्रमुख हूं और मुझे अखबारों से इसके बारे में जानकारी मिल रही है। स्‍पष्‍ट रूप से, मैं केवल रबर स्‍टैंप नहीं हूं।' बता दें कि राज्य सरकार ने ऐक्ट को चुनौती देते हुए 13 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और इसे संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ घोषित करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद केरल सरकार ने कहा था कि वह इस कानून के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी क्योंकि यह देश की धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को 'नष्ट' करता है। 

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