अम्बिकापुर
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान एवं विशेष सुपोषण अभियान के तहत शुक्रवार को अम्बिकापुर जनपद अन्तर्गत ग्राम खलिबा के माझापारा आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों, गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को गरम भोजन के साथ उबला हुआ अण्डा दिया गया। इस आगंनबाड़ी केन्द्र के सभी बच्चों तथा महिलाओं ने अण्डा का सेवन किया। माझापारा निवासी श्रीमती नाबाई एवं निराशपति ने जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे गरम पौष्टिक भोजन एवं उबला अण्डा के संबंध में बताया कि आंगनबाड़ी में मिलने वाला भोजन बहुत ही पोष्टिक है। पहले हमें घरेलू काम काज करने में दुर्बलता महसूस होती थी और अपने काम भी मन नहीं लगता था। लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्र के कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा गर्भवती माताओं की स्वास्थ्य तथा शिशु पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया गया। उनके सलाह के अनुसार हम लोग प्रतिदिन आंगनबाड़ी केन्द्र आकर गरम भोजन का सेवन करते है। इसके साथ ही हर शुक्रवार को अण्डा दिया जा रहा है। जिससे हमारी सेहत में भी सुधार हो रहा है। इसी प्रकार शिशुवती श्रीमती संगीता एवं श्रीमती ललीता ने बताया कि उनके बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्र आने में अब नहीं कतराते। आंगनबाड़ी केन्द्र में दिए जा रहे गरम भोजन एवं रेडी टू ईट उत्तम गुणवत्ता के हैं। रेडी टू ईट लेने के दौरान हर शुक्रवार को हमें भी गरम भोजन एवं अण्डा मिल रहा है। इससे बच्चों के साथ ही हमारा सेहत भी ठीक हो रहा है।
सहायिका श्रीमती चांदमनी ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रति सप्ताह शुक्रवार को सभी बच्चों के साथ-साथ गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को गरम पौष्टिक भोजन के साथ उबला हुआ अण्डा दिया जा रहा है। इसके साथ ही गंभीर कुपोषित बच्चों को सोमवार को भी अण्डा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र में आज 24 बच्चे, 5 शिशुवती तथा 2 गर्भवती महिलाएं उपस्थित हैं। बच्चों में 3 गंभीर कुपोषित हैं जिन्हें सोमवार को भी अण्डा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र में अण्डा देने की योजना से बच्चों की उपस्थिति में सुधार हुआ है और अब ज्यादा बच्चे आने लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि सरगुजा जिले में कुपोषण के खिलाफ जंग हेतु जिला प्रशासन द्वारा विशेष सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत डीएमएफ मद से राशि की व्यवस्था कर महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से जिले के 2 हजार 463 आंगनबाडी केन्द्रों के करीब 86 हजार बच्चे तथा 20 हजार गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को अण्डा दिया जा रहा है। इसके साथ ही अण्डा नहीं खाने वाले बच्चे एवं महिलाओं को सोया बड़ी भी दिया जा रहा है। जुलाई से सितम्बर तक करीब 702 गंभीर कुपोषित बच्चे को सामान्य सुपोषण की स्थिति में लाया गया है।