मध्य प्रदेश

सीधी-सिंगरौली जिले के 2 पॉवर प्‍लांट्स को लेकर हाईकोर्ट सख्त, कही ये बात

सीधी-सिंगरौली
मध्‍य प्रदेश( Madhya Pradesh) में 2011 में सीधी-सिंगरौली जिले में करीब 10 पॉवर प्लांटस् (10 Power Plants) को वन विभाग द्वारा एनओसी (NOC) जारी किया गया था. हालांकि ये पॉवर प्लांटस् टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में आते थे. वहीं जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में मामला पहुंचने के बाद वन विभाग ने 8 पॉवर प्लांटस् की एनओसी रदद् कर दी थी. वैसे अभी कोर एरिया में दो पॉवर प्लांट्स संचालित हैं जिससे एक बड़ा नुकसान वन्य जीवों को हुआ है. रिपोर्टस के मुताबिक पूरा ईको सिस्टम ही प्रभावित हुआ है. फिलहाल संजय गांधी टाइगर रिजर्व के पास संचालित पॉवर प्लांट्स से फैल रहे प्रदूषण पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई है.

प्रदेश के सीधी-सिंगरौली जिले में संजय गांधी टाइगर रिजर्व के पास संचालित पॉवर प्लांट्स से फैल रहे प्रदूषण पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई है. मामले पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने वन विभाग और सोन घड़ियाल सेंचुरी के डायरेक्टर को अहम निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने दोनों ही अधिकारियों को आदेश दिया है कि वो पॉवर प्लांट्स से पर्यावरण और वन्य जीवों को हो रहे नुकसान की जांच करें और अपनी रिपोर्ट 2 हफ्तों में हाईकोर्ट में पेश करें.

हाईकोर्ट में ये याचिका सुभाष सिंह नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से दायर की गई थी. याचिका में कहा गया है कि किसी भी टाइगर रिजर्व के बीस किलोमीटर के दायरे में पॉवर प्लांट्स का संचालन नहीं किया जा सकता,लेकिन फिर भी सीधी-सिंगरौली में जेपी और डीबी प्लांट्स की स्थापना की एनओसी दे दी गई.

याचिका में दलील दी गई है कि पॉवर प्लांट्स से फैल रहे प्रदूषण से ना सिर्फ पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है बल्कि घड़ियालों और टाइगर्स सहित कई वन्यजीवों की भी मौत हो रही है. फिलहाल हाईकोर्ट ने मामले पर वन विभाग और सोन घड़ियाल सेंचुरी के डायरेक्टर्स से जांच रिपोर्ट तलब की है. जबकि इस मामले की अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद की जाएगी.

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