सीजन होने के बावजूद तीन महीने तक यहां नहीं बजती शहनाई, जानिए क्यों?

चौसा (मधेपुरा) 
दरअसल तीन साल पहले ध्वस्त हुए पुल के कारण आज तक यहां के लोग आवागमन की समस्या से जूझ रहे हैं। सामान्य दिनों में किसी तरह लोग आवाजाही तो कर लेते हैं, लेकिन बाढ़ के समय में आवाजाही करना तो दूर लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। यह इलाका बिहार में चर्चित लोकसभा क्षेत्र मधेपुरा के चौसा में मोरसंडा पंचायत के राम चरण टोला का है। 

बाढ़ के दौरान इस इलाके के लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक गांव तीन से चार महीने तक चारों ओर पानी से घिरे रहते हैं। प्रखंड मुख्यालय से गांव का सड़क संपर्क भंग होने के साथ-साथ इन गांवों में शादी-ब्याह करना भी मुश्किल हो जाता है। ग्रामीण रामदेव मुनी, विनय भगत, सोने मंडल, पंजाबी पासवान, मंटू मंडल, बमबम पंडित, कुनकुन मुनी, सिकंदर पासवान ने कहा कि गांव तक वाहनों का परिचालन नहीं होने से प्रत्येक साल तीन से चार महीने तक गांव में शादी-ब्याह का कार्य बाधित रहता है।
 
मोरसंडा गोठ बस्ती से धनेशपुर चौक जाने वाली मुख्य सड़क में रामचरण टोला के पास 11 सितंबर 2016 को बाढ़ से पुल ध्वस्त हो गया था। इसी मार्ग में मोरसंडा गोठ बस्ती पहुंचने से पहले दूसरी छोटी पुलिया भी ध्वस्त हो गयी और तीसरा पुल भी ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गया है। पुल ध्वस्त होने के बाद इन दोनों जगहों पर आवाजाही के लिए सरकारी नाव का परिचालन कराया जा रहा है।

मुखिया विद्यानंद पासवान, सरपंच रतन प्रसाद शर्मा, पंचायत समिति सदस्य मुकेश कुमार मंडल ने कहा कि पुल निर्माण के लिए कई बार प्रखंड और जिले के अधिकारियों को आवेदन भी दिया गया। बावजद इसके नये पुल का निर्माण कर आवागमन की समस्या दूर करने को कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
 
आवागमन के लिए नहीं है सड़क की सुविधा : 
बाढ़ का पानी गांव में घुसने से उत्पन्न आवागमन की समस्या के कारण नई दुल्हनों को पैदल ही ससुराल जाना पड़ता है। मोरसंडा पंचायत के करैलिया, मुसहरी, अमनी बासा, जपती टोला, कंटीली, फुलौत पूर्वी पंचायत के बड़ीखाल, बरबिग्घी, पिहोरा बासा, करैल बासा, कदवा बासा और फुलौत पश्चिमी पंचायत के सपनी मुसहरी, घसकपुर, पनदही बासा, झंडापुर बासा तक आवागमन करने के लिए सड़क की सुविधा नहीं है। 

>

About the author

info@jansamparklife.in

Leave a Comment