जबलपुर
ओबीसी आरक्षण मामले पर आज एमपी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेशित किया है कि सिलेक्शन प्रक्रिया जारी रखी जा सकती है, लेकिन अंतिम सूची कोर्ट की परमीशन बिना जारी नहीं होगी। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय शुक्ल की डिवीजन बेंच द्वारा अगली सुनवाई के लिए 5 फरवरी की तारीख भी तय कर दी गई है।
दरअसल, राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत आवेदन में नियुक्ति-चयन प्रक्रिया पर लगाई गई रोक हटाने की मांग की गई थी। इस पर याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी, सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता, जान्हवी पंडित और सुरेश ठाकुर द्वारा विरोध किया गया। बता दें कि ओबीसी भर्ती में 14 प्रतिशत से बढ़ा कर 27 प्रतिशत आरक्षण किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई मार्च 2019 से जारी है। इस दौरान एमपीपीएससी के माध्यम से ली गई परीक्षा से किए जा रहे सिलेक्शन अंतर्गत सरकार अपना फॉर्मेट लागू करना चाह रही है। चूंकि शासन की मंशा के विरुद्ध पहले से ही हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल हैं जिसमें इस पर रोक लगाने मांग की जाने पर विगत 28 जनवरी को हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। राज्य सरकार के आवेदन में यह भी उल्लेखित है कि चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में होने वाले दाखिले में ओबीसी को 27 की बजाय 14 प्रतिशत ही आरक्षण दिया जाए ऐसा अंतरिम आदेश 19 मार्च 2019 को दिया गया था। मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 फरवरी की तारीख मुकर्रर की गई है।