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साम्प्रदायिक सद्भाव बढ़ाने को देश भर के मौलाना लेंगे सर्वधर्म का ज्ञान

 अलीगढ़ 
                  
देशभर में साम्प्रदायिक सद्भाव बढ़ाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से नई कवायद की गई है। स्कूल ऑफ एजुकेशन स्कीम के तहत विशेष कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम में देश भर में संचालित मदरसा शिक्षकों व मौलानाओं को धर्म विशेष का ही नहीं, बल्कि विभिन्न धर्मों का ज्ञान दिया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से डेढ़ करोड़ रुपये की धनराशि भी जारी की गई है। इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी एएमयू को सौंपी गई है। कार्यक्रम की शुरुआत कर दी गई है।

देश में जहां विभिन्न धर्मों के लोग छोटी-छोटी बातों पर आमने-सामने आ जाते हैं और दिलों की दूरियां तेजी से बढ़ने लगती हैं। ऐसे में देश के मदरसा शिक्षक व मौलाना आगे आकर अहम भूमिका निभाएंगे। वह सिर्फ इस्लाम ही नहीं, हिंदू, सिख और ईसाई समेत अन्य धर्मों का ज्ञान भी लेंगे। इसके लिए एमएचआरडी की ओर से स्कूल ऑफ एजुकेशन के तहत खास कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसकी जिम्मेदारी एएमयू को सौंपी गई है। प्रोग्राम में पढ़ाने के आधुनिक तरीकों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा।

कम्प्यूटर एप्लीकेशन, आइसीटी स्किल के जरिए नई तकनीकी से जोड़ने का भी प्रयास होगा। मदरसों में पहुंचने वाले विद्यार्थियों को कैसे प्रेरित किया जाए, उनको इनके गुर सिखाये जाएंगे। शिक्षकों का समाज में जो कर्तव्य हैं, उनको उसकी मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। इस कार्यक्रम में अलीगढ़ ही नहीं, देश भर से मौलानाओं को लाभ मिलेगा। उनको विभिन्न धर्मों की महत्ता और बारीकियां बतायी जाएंगी।

योगा के जरिए व्यक्तित्व विकास में होगा सुधार
मौलानाओं व मदरसा शिक्षकों में व्यक्तित्व का सुधार भी किया जाएगा। इसके लिए योगा क्लास आयोजित होगी। इतना ही नहीं, सर्वधर्म सम्भाव के बारे में बताया जाएगा। 

छह-छह दिन की होगी कक्षा
एएमयू में आयोजित होने वाले स्कूल ऑफ एजुकेशन कार्यक्रम में छह-छह दिन की कक्षा संचालित होगी। एक कक्षा में 50 अभ्यर्थियों को शामिल किया जाएगा। 

ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन
मौलाना व मदरस शिक्षक इस खास प्रोग्राम में हिस्सेदारी करने के लिए आवेदन ऑनलाइन कर सकते हैं। एएमयू के अधिकारियों ने बताया कि इस कोर्स के प्रति अभ्यर्थियों में खासा क्रेज देखने को मिल रहा है।

एमएचआरडी की ओर से यह सराहनीय कवायद है। इससे देश भर के मौलाना व मदरसा शिक्षक सभी धर्मों का ज्ञान ले सकेंगे। इससे साम्प्रदायिक सद्भाव बढ़ेगा। इस प्रोग्राम में मौलाना व मदरसा शिक्षक बड़ी संख्या में हिस्सेदारी कर रहे हैं। -प्रो. एआर किदवई, डायरेक्टर, कुरानिक स्टडीज सेंटर, एएमयू।

यह बेहद अच्छा प्रोग्राम है। मंत्रालय ने इसके लिए फंड जारी किया है। विभिन्न धर्मों, भारत की विभिन्नताओं के बारे में ज्ञान दिया जाएगा। इसमें मौलाना व मदरसा शिक्षकों में काफी क्रेज दिख रहा है। देश की प्रगति में वह योगदान इस प्रोग्राम के जरिए दे सकेंगे। -प्रो. साजिद जमाल, कोर्डिनेटर, स्कूल ऑफ एजुकेशन, एएमयू।

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