हरिद्वार
उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित मातृसदन आश्रम में गंगा बचाने की मांग को लेकर 15 दिसंबर, 2019 से आमरण अनशन पर बैठीं साध्वी पद्मावती ने दून हॉस्पिटल के डॉक्टर को सौ करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा है। डॉक्टर पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल में कई लोगों के सामने साध्वी को दो महीने का प्रेगनेंट बताया और उन्हें धमकी भी दी थी। साध्वी ने यह भी आरोप लगाया है कि शासन-प्रशासन उनकी जान लेने की कोशिश में लगा है, लेकिन इससे पहले उनका रेप कराया जाएगा। उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। आरोपी डॉक्टर को दो हफ्ते में नोटिस का जवाब देने का कहा गया है।
साध्वी के वकील अरुण कुमार भदौरिया ने दून हॉस्पिटल के डॉक्टर विजय सिंह भंडारी को सौ करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा है। साध्वी ने इस बाबत कहा कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और पीएम नरेंद्र मोदी के इशारे पर पुलिस उनका अपहरण कर हॉस्पिटल ले गई थी। वहां डॉक्टर ने उन्हें दो महीने की गर्भवती बताते हुए बुरा-भला कहा।
'मारना चाहता है शासन-प्रशासन'
साध्वी ने कहा कि डॉक्टर के दावे के उलट उनके यूरीन टेस्ट का रिजल्ट नेगेटिव आया। उन्होंने आशंका जताई कि शासन-प्रशासन के लोग स्वामी सानंद और निगमानंद की तरह उन्हें भी जहर देकर मार सकते हैं। उन्होंने कहा, 'जिस तरह स्वामी सानंद और निगमानंद जी को जहर देकर मारा गया, ये लोग मुझे भी वैसे ही मारेंगे, लेकिन मुझे आशंका है कि उससे पहले ये लोग मेरा रेप करेंगे। ऐसा हमारे देश में महिलाओं के साथ होता आया है।'
सरकार पर आरोप
साध्वी ने देशवासियों से अपील की है कि वे लोग उनका रेप होने से बचाएं। उन्होंने कहा, 'यह सरकार मेरा रेप कराकर मरवा देगी। मुझे मरने का गम नहीं है, लेकिन मैं एक साध्वी और ब्रह्मचारिणी हूं। मैं आरोपी डॉक्टर को अपने वकील के माध्यम से 100 करोड़ की मानहानि का नोटिस भेज चुकी हूं, क्योंकि उन्होंने मुझ पर ब्रह्मचारिणी और साध्वी होने के बावजूद प्रेगनेंट होने का आरोप लगाया है।'
आश्रम से उठा ले गई थी पुलिस
बता दें कि गंगा बचाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठीं साध्वी पद्मावती को पुलिस गत 30 जनवरी की रात 11 बजे जबरन उठाकर ले गई थी। वहीं, इस मामले में पुलिस का कहना है कि धारा 144 लगी होने के कारण साध्वी पद्मावती को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, 31 जनवरी की रात साध्वी को पुलिस हरिद्वार मातृसदन आश्रम वापस पहुंचा गई थी।