शिरडी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के चीफ उद्धव ठाकरे की ओर से साईं बाबा के जन्मस्थान को लेकर दिए गए बयान पर विवाद थमता नहीं दिख रहा है। रविवार को शिरडी के बाजार पूरी तरह बंद रहे और सड़कों पर वाहन तक नहीं दिखे। इस बीच शिरडी के शिवसेना सांसद सदाशिव लोखंडे ने भी बंद को अपना समर्थन दिया है। बता दें कि परभणी जिले के पथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान बताते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ने 'साईं जन्मस्थान' के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी। तब से ही 19वीं सदी के संत साईं बाबा के समर्थकों में गुस्सा देखा जा रहा है। साईं बाबा के अनुयायियों का कहना है कि सीएम उद्धव ठाकरे को अपना बयान वापस लेना चाहिए।
शिवसेना MP बोले, साईं भक्त पहले, सांसद बाद में
यही नहीं मंदिर का किचन 'प्रसादालय' भी खुला हुआ था ताकि साईं भक्तों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। बंद के बावजूद मंदिर में श्रद्धालुओं की अच्छी खासी संख्या थी और प्रसादालय में भी लंबी कतारें देखने को मिलीं। शिरडी के बंद का समर्थन करते हुए शिवसेना के सांसद सदाशिव लोखंडे ने कहा, 'मैं पहले साईं का भक्त हूं और बाद में सांसद हूं। मैं इस प्रदर्शन का समर्थन करता हूं। साईं बाबा उस वक्त शिरडी आए थे, जब वह 16 साल के थे। उन्होंने कभी अपने धर्म या जाति का खुलासा नहीं किया। इसलिए उन्हें इन सब चीजों में नहीं बांटना चाहिए। मैं इस मुद्दे पर सीएम उद्धव ठाकरे से बात करने जा रहा हूं।'
साईं भक्तों ने रैली निकाल किया उद्धव के बयान का विरोध
लोखंडे ने कहा कि मैं यह देखता हूं कि कैसे इस मसले को सुलझाया जा सकता है और बंद को खत्म किया जा सकता है। इससे पहले सुबह ठाकरे के बयान के विरोध में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने मंदिर परिसर के पास रैली निकाली। रैली में शामिल रहे स्थानीय बीजेपी नेता सचिन तंबे पाटिल ने कहा कि साईं भक्तों ने द्वारका माई मंदिर से रैली की शुरुआत की थी और साईं बाबा मंदिर परिसर का पूरा चक्कर लगाने के बाद वहीं पर रैली का समापन किया गया।
मंदिर ट्रस्ट के सीईओ बोले, भक्तों के लिए व्यवस्था में कमी नहीं
इस बीच शिरडी साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट के सीईओ डीएम मुगलीकर ने कहा, 'साईं मंदिर आने वाले भक्तों के लिए भोजन एवं प्रसाद की पूरी व्यवस्था है। सीएम उद्धव ठाकरे की ओर से इस मसले को लेकर कल मीटिंग बुलाई गई है।'