कच्छ
भारतीय सुरक्षा बलों ने देश के दुश्मन और आतंकवाद के खिलाफ भविष्य में सर्जिकल स्ट्राइक जैसे बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम देने के लिए बड़ा सैन्य अभ्यास किया है. इस सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के स्पेशल कमांडो ने एक साथ हिस्सा लिया. इससे पहले सेना और वायुसेना ने चीन बॉर्डर पर बड़ा सैन्य अभ्यास किया था.
आतंकियों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए तीनों सेनाओं की स्पेशल ऑपरेशन्स डिविजन ने गुजरात में पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक 'फर्स्ट वॉरगेम्स' यानी युद्धाभ्यास किया. ऑर्म्ड फोर्स स्पेशल ऑपरेशन डिविजन (AFSOD) के इस वॉरगेम्स को ‘स्माइलिंग फील्ड’ नाम दिया गया है.
बताया जा रहा है कि यह पहली बार है, जब तीनों सेनाओं की स्पेशल फोर्स ने इस तरह के युद्धाभ्यास में एक साथ हिस्सा लिया है. यह युद्धाभ्यास गुजरात के नालिया में किया गया. नालिया गुजरात के कच्छ जिले का हिस्सा है. यहां भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना का अहम बेस है.
सेना, वायुसेना और नौसेना के स्पेशल कमांडो इस 'वॉरगेम' में शामिल रहे. इस बीच कमांडो ने आतंकियों से निपटने के दौरान सामने आने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सैन्य अभ्यास किया. सूत्रों के मुताबिक, यह पहला वॉरगेम शनिवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया. अब ये कमांडो खुद को भविष्य में सर्जिकल स्ट्राइक जैसे किसी भी सैन्य ऑपरेशन के लिए पूरी तरह से तैयार करने के लिए और सैन्य अभ्यास करेंगे.
आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल ऑपरेशन डिविजन का नेतृत्व मेजर जनरल अशोक ढींगरा कर रहे हैं. वो इसके पहले चीफ भी हैं. सूत्रों ने बताया कि इस सैन्य ऑपरेशन का मकसद आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल ऑपरेशन डिविजन के कुशलता को परखना भी था. इस सैन्य ऑपरेशन के जरिए सेना, नौसेना और वायुसेना के कमांडो को एक साथ प्रशिक्षित किया जा रहा है.
एक साथ तीनों सेनाओं के कमांडो को प्रशिक्षण देने से खर्च भी कम होगा. वैसे आमतौर पर तीनों सेनाओं की स्पेशल फोर्स अलग-अलग काम करती हैं, लेकिन आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल ऑपरेशन डिविजन के तहत ये कमांडो एक साथ काम करते हैं. इसके जरिए तीनों सेनाओं की स्पेशल फोर्स को एक कमांड और कंट्रोल स्ट्रक्चर में लाया जाएगा.