कोलकाता
सरकारी बैंकों के लगभग आठ लाख कर्मचारियों को अगले वित्त वर्ष से अपनी सैलरी के अलावा परफॉर्मेंस-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) मिल सकता है। इससे पहले बैंकों के मैनेजमेंट ने वेरिएबल पे या परफॉर्मेंस-लिंक्ड पे का प्रपोजल दिया था। वेरिएबल पे प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के एंप्लॉयीज को पहले से मिलती है।
सूत्रों ने बताया कि इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) की सैलरी पर मोलभाव करने वाली कमिटी ने पिछले सप्ताह PLI का प्रपोजल दिया था, जिसे सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार कर लिया गया है। इस कमेटी के प्रमुख यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर राजकिरण राय हैं। बैंकों के एनुअल रिजल्ट की घोषणा के बाद PLI को कैलकुलेट किया जा सकता है। सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी पर द्विपक्षीय समझौता प्रत्येक पांच वर्षों में होता है। सैलरी में बढ़ोतरी के 11वें समझौते पर अभी बातचीत हो रही है। यह समझौता 1 नवंबर, 2017 से लागू होना है।
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC) के जनरल सेक्रेटरी सौम्य दत्ता ने कहा, 'परफॉर्मेंस लिंक्ड पे के मुद्दे पर रुख में बदलाव हुआ है। IBA ने स्पष्ट किया है कि PLI को सैलरी में शामिल नहीं किया जाएगा। यह द्विपक्षीय समझौते में सैलरी में बढ़ोतरी से अलग होगा।' IBA ने सैलरी में 12 पर्सेंट की वृद्धि की पेशकश की है, जबकि बैंक यूनियंस कम से कम 15 पर्सेंट की बढ़ोतरी पर जोर दे रही हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित कई सरकारी बैंकों ने पहले ही विशेष मापदंडों के आधार पर कर्मचारियों को रिवॉर्ड और इंसेंटिव की पेशकश की है, लेकिन नया स्ट्रक्चर अलग होगा क्योंकि यह विशेष बैंकों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा, कर्मचारियों के प्रदर्शन पर नहीं। ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज एसोसिएशन के प्रेजिडेंट राजन नागर ने बताया, 'यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने सैद्धांतिक तौर पर PLI के लिए सहमति दी है क्योंकि इससे सभी सरकारी बैंकों में स्ट्रक्चर एक समान हो जाएगा। इसके तौर तरीकों को अभी तय किया जाना है।'