नई दिल्ली
सरकार ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019 बुधवार को वापस ले लिया। गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में विधेयक को वापस लेने की अनुमति मांगी। सदन की सहमति के बाद विधेयक को वापस ले लिया गया।
इस विधेयक को वापस लेने पर विरोध जताते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा कि सदन की कार्यवाही के नियम-110 के तहत विधेयक वापसी के तीन प्रमुख कारण होते हैं। इनमें नया विधेयक या कोई अन्य विधेयक लाना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक जम्मू और कश्मीर के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण देने से संबंधित था। इसमें कुछ गलत नहीं था। सरकार ने इसे वापस लेने का कारण नहीं बताया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि यह विधेयक राज्यसभा में पारित हुआ था। सरकार ने गत छह अगस्त को सदन को अवगत कराया था कि किस कारण से विधेयक वापस लिया जा रहा है।
संसद ने गत छह अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के संकल्प से जुड़े विधेयक को मंजूरी दी थी। इसी विधेयक में जम्मू- कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने का प्रावधान भी है। तब गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019 को वापस लेने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के संकल्प को मंजूरी मिलने के बाद इस विधेयक की जरूरत नहीं होगी।