रामपुर
समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद आजम खान बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) द्वारा फर्जी दस्तावेज से पासपोर्ट बनाने के मामले में रामपुर कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं. इस मामले में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 और पासपोर्ट अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. सोमवार (3 फरवरी) को सुनवाई के दौरान ADJ-6 कोर्ट ने पुलिस की चार्जशीट को स्वीकार करने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर हाजिर करने का आदेश दिया.
रामपुर के थाना सिविल लाइंस में दर्ज रिपोर्ट में वादी बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया है कि पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे और सपा विधायक अब्दुल्ला आजम ने असत्य और कूटरचित दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट बनवाया है. आरोप है कि विधायक के शैक्षिक प्रमाणपत्रों हाई स्कूल, बीटेक और एमटेक में जन्मतिथि 1 जनवरी, 1993 अंकित है. जबकि पासपोर्ट में 30 सितंबर 1990 दर्ज है.
आरोप है कि अब्दुल्ला आजम इस पासपोर्ट को व्यापार और व्यवसाय में इस्तेमाल कर रहे हैं. वह इसके आधार पर विदेश यात्रा भी कर रहे हैं. पहचानपत्र और आर्थिक लाभ लेने के लिए शैक्षिक संस्थानों की मान्यता में भी इस पासपोर्ट का इस्तेमाल किया जा चुका है. बीजेपी नेता ने अपनी अर्जी में जांच कर कार्रवाई करने और पासपोर्ट जब्त की मांग की गई है. रिपोर्ट दर्ज कराने वाले आकाश सक्सेना पूर्व मंत्री शिवबहादुर सक्सेना के पुत्र हैं.
आकाश सक्सेना कहते हैं कि इसके बाद उन्होंने दो जन्म प्रमाणपत्र जो आजम खान और तजीन फातमा ने रामपुर नगरपालिका और लखनऊ नगर निगम से बनवाए थे. इसकी शिकायत उन्होंने चुनाव आयोग से की. शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद रामपुर के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज हुआ. इसमें आजम खान, तजीन फातमा और अब्दुल्ला आजम आरोपी हैं. ये केस कोर्ट में चल रहा है.
रद्द हुई विधानसभा की सदस्यताइससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी थी. अब्दुल्ला आजम स्वार सीट से विधायक चुने गए थे. कोर्ट ने चुनाव के दौरान दिए गए उनके हलफनामे में उम्र को गलत पाया है. बता दें कि इस मामले में साल 2017 में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेता नवाब काजिम अली ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.