नई दिल्ली
भारत और रूस के बीच भारतीय रिफाइनरी के लिए रशियन क्रूड की सप्लाई बढ़ाने पर बातचीत हुई है। पिछले हफ्ते के अंत में सऊदी अरब की ऑयल फैसिलिटी पर ड्रोन अटैक के बाद यह पहल हुई है। इस हमले के कारण सऊदी अरब ने अपनी आधी सप्लाइ घटा दी है, जिससे क्रूड की ग्लोबल सप्लाई में 5 प्रतिशत की कमी आई है।
रूस से तेल खरीदने के लिए चल रही है बातचीत
पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान और रूस की एनर्जी कंपनी रोजनेफ्त के सीईओ इगोर सेचिन की दिल्ली में मंगलवार को मुलाकात हुई, जिसमें क्रूड की ग्लोबल सप्लाइ पर चर्चा हुई। इस बैठक में दोनों देशों ने तेल और गैस क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी बातचीत की। पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक स्टेटमेंट में बताया, ‘सऊदी अरामको के प्लांट पर हालिया हमले के बाद ग्लोबल क्रूड ऑयल सप्लाई सहित एनर्जी मार्केट पर उसके असर पर भी हमने बातचीत की। इस संदर्भ में खासतौर पर भारतीय रिफाइनरी के लिए रूस से तेल की सप्लाई बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है।’
सऊदी ने भारतीय रिफाइनरी को तेल सप्लाइ का दिया भरोसा
सऊदी अरब ने भारतीय रिफाइनरी कंपनियों को भरोसा दिलाया है कि वह वादे के मुताबिक तेल की सप्लाइ जारी रखेगा, लेकिन इसके बावजूद देसी कंपनियां किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहती हैं। वे भविष्य में क्रूड ऑयल की सप्लाई में विविधता लाना चाहती हैं, जिससे इससे संबंधित जोखिम घटे। भारत में सरकारी रिफाइनरी कंपनियां रूस की रोजनेफ्त से क्रूड ऑयल खरीदने के लिए एग्रीमेंट फाइनल कर रही हैं। प्रधान ने मंगलवार को सेचिन से मुलाकात के बाद यह बात कही। रोजनेफ्त ने भी एक बयान में कहा, ‘भारत की एनर्जी सिक्योरिटी के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने पर संबंधित पक्ष सहमत हुए है। भारतीय कस्टमर्स को हम हाई क्वॉलिटी फीडस्टॉक और ऑयल प्रॉडक्ट्स की सप्लाई करेंगे।’
रूस की तेल कंपनियां चाहती हैं भारत की भागीदारी बढ़े
रूस की कंपनी ने यह भी बताया, ‘हम चाहते हैं कि रूस में ऑयल प्रॉडक्शन में भारतीय कंपनियों की भागीदारी बढ़े और वे यहां निवेश बढाएं। दोनों पक्ष मिलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में काम कर सकते हैं और उनके पास क्षेत्रीय मार्केट्स में भी सहयोग बढ़ाने का मौका है।’ पिछले कई वर्षों में भारतीय कंपनियां अलग-अलग देशों से तेल खरीदने की कोशिश कर रही हैं ताकि नई दिल्ली तेल की जरूरतों के लिए किसी एक क्षेत्र या देश पर आश्रित न रहें।
रूस से तेल खरीदना भारतीय कंपनियों के लिए फायदेमंद नहीं
भारत में सरकारी रिफाइनरी कंपनियां रूस से कम कच्चा तेल खरीदती हैं। हालांकि, पहले उन्होंने कभी-कभार वहां से क्रूड ऑयल खरीदा है। असल में रूस से भारत में क्रूड लाने पर ढुलाई खर्च ज्यादा आता है क्योंकि दोनों के बीच दूरी काफी ज्यादा है। इससे रूस से तेल खरीदना इन कंपनियों के लिए फायदेमंद नहीं रहता।