रायपुर
श्री महामाया देवी मंदिर में आयोजित श्री दिव्य सहस्त्र चंडी महायज्ञ के अंतर्गत शनिवार को दिन भर यज्ञ अनुष्ठान के बीच श्रद्धालु यज्ञ परिकोटा का फेरे लगाते रहे। रविवार को महाष्टमी पूजन हवन महाहूति, महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती का विशेष पूजन होगा। यही भगवती शक्ति लोक कल्याण के लिए अनेक रूपों को धारण करती हैं।
दुर्गा सप्तशती नारायणावतार श्री व्यासजी द्वारा रचित महापुराणों में मार्कण्डेय पुराण से ली गई है। चूं्कि इसमें सात सौ पद्यों का समावेश है इसलिए इसे सप्तशती कहा गया है। यज्ञाचार्य ने बताया कि पूरे दुर्गा सप्तशती में 360 शक्तियों का वर्णन है। देवी आराधना में दुर्गा सप्तशती पाठ का विशेष महत्व है। श्री दुर्गा सप्तशती के प्रथम मध्यम व उत्तर चरित्र का क्रम से पाठ करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। श्री महामाया देवी मंदिर पब्लिक ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष श्री आनंद शर्मा, सचिव ललित तिवारी ने बताया कि सर्व मनोकामना के इस महायज्ञ में रायपुर के अलावा आसपास के शहर व ग्रामीण क्षेत्रों से भी काफी संख्या श्रद्धालुजन रोज पहुंच रहे हैं।