मध्य प्रदेश

शुद्ध के लिए युद्ध में बाधक बन रही पेंडिग सात हजार सैंपल रिपोर्ट

भोपाल
प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे शुद्ध के लिए युद्ध में सबसे बड़ी बाधा स्टेट फूड लेबोरेटरी में आने वाले सैंपल की रिपोर्ट मिलने में होने वाली देरी है। हालत यह है कि 14 दिन में मिलने वाली रिपोर्ट में एक माह से अधिक का समय लग रहा है। इसकी वजह है कर्मचारियों की कमी। दरअसल खाद्य पदार्थों की जांच के लिए 40 कर्मचारी और अफसरों की जरूरत है, लेकिन यहां सिर्फ 15 लोग ही हैं।

नतीजा, जुलाई से अब तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों से दुग्ध उत्पादों के 10 हजार 793 सैंपल जांच के लिए आए , जिसमें से सिर्फ 3 हजार 800 की रिपोर्ट ही मिल सकी है। इनमें से करीब 1400 नमूने फेल पाए गए हैं। अभी 6 हजार 993 सैंपल की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। लगभग यही स्थिति शहर से लिए गए दूध, घी, पनीर और अन्य खदार्थ पदार्थों के 528 सैंपल की है। इसमें से 267 की रिपोर्ट ही मिल सकी है। अभी 261 की रिपोर्ट पेंडिंग है। यह स्थिति तब है जब स्टेट फूड लेबोरेटरी में जांच के लिए प्रदेश भर से रोजाना 100 से ज्यादा सैंपल पहुंच रहे हैं, लेकिन जांच 25 से 30 की ही हो पा रही है। इसकी प्रमुख वजह लैबोरेटरी में पर्याप्त संख्या में फूड एनालिस्ट, केमिस्ट, साइंटिस्ट और लैब टेक्नीशियन नहीं होना है। इसका फायदा खाद्य पदार्थों में मिलावट का कारोबार करने वाले व्यापारियों को हो रहा है। , क्योंकि जांच रिपोर्ट में देरी के कारण जांच में अमानक निकले फूड सैंपल की रिपोर्ट के आधार पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी एडीएम कोर्ट में संबंधित कारोबारी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करा पाएंगे। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2016 के तहत फूड सैंपल की जांच रिपोर्ट 14 दिन के भीतर जारी होना चाहिए।

अन्य राज्यों में बेहतर है स्थिति
मुंबई, दिल्ली, राजस्थान की फूड लेबोरेटरी में सामान्य दिनों में होने वाले रूटीन सैंपल की जांच रिपोर्ट 14 दिन में आ जाती है। जबकि खाद्य पदार्थों के लिए जिस समय अभियान चलाकर सैंपल लिए जाते हैं। उस वक्त रिपोर्ट आने में 25 से 30 दिन का समय लगता है।

पांच नई लैब शुरू शुरु करने की तैयारी
अफसरों ने बताया कि इंदौर, जबलपुर, सागर, उज्जैन और ग्वालियर में एक साल के भीतर लैब शुरू कर दी जाएंगी। इनके शुरू हो जाने पर विभाग की जांच रिपोर्ट 3 दिनों में ही मिला करेगी। अभी 2 चलित प्रयोगशाला संचालित हो रही है। राज्य सरकार ने 12 नवीन चलित खाद्य प्रयोगशाला शुरू करने का भी निर्णय लिया है।

तीन माह में शुरु होगी पद भरने की प्रक्रिया
लैब में दो एनालिस्ट, एक सीनियर एनालिस्ट, 2 टेक्नीशियन, 1 लोक विशेषक, 4 असिस्टेंट, 5 अटेंडर हैं। तीन फूड एनालिस्ट सहित 40 पद खाली हैं। भोपाल सहित प्रदेश में फूड इंस्पेक्टर के 275 पद स्वीकृत हैं। अभी 168 फूड इंस्पेक्टर ही हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नोडल ऑफिसर अरविंद पथरोल कहते हैं कि नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग को भर्ती प्रक्रिया के नियम की अनुमति के लिए भेजा गया है। यहां से अनुमति मिलने के बाद भर्ती तीन माह में प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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