नई दिल्ली
अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के बाद केंद्र सरकार एक विधयेक पेश करने पर विचार कर रही है। यह विधेयक राम मंदिर निर्माण को लेकर बनाए जाने वाले ट्रस्ट के लिए होगा। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर सहयोगी अखबार एचटी को दी।
सरकार इस विधेयक को आगामी शीतकालीन सत्र में ही संसद में पेश कर सकती है। यह सत्र 18 नवंबर से शुरू हो रहा है और 13 दिसंबर तक चलेगा। अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे पर उच्च स्तर पर चर्चा हो रही है। इस विधेयक में ट्रस्ट के कामकाज और जिम्मेदारियों को विस्तार से बताने की संभावना है।
बता दें कि नौ नवंबर को अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए रास्ता साफ करते हुए तीन महीने के भीतर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने मस्जिद के लिए सरकार से अयोध्या में कहीं और पांच एकड़ जमीन देने को कहा था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा कि हम विधयेक के प्रावधानों को देखेंगे और फिर उसपर कोई प्रतिक्रिया देंगे। हालांकि, मैंने जो फैसला पढ़ा है उसमें यह नहीं कहा गया है कि ट्रस्ट बनाने के लिए बिल पारित कराने की आवश्यकता है।
वहीं, प्रस्तावित विधेयक को लेकर वरिष्ठ वकील और संविधान विशेषज्ञ राकेश द्विवेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में एक ट्रस्ट के गठन के लिए कहा है। मुझे लगता है कि यह उचित होगा कि यह एक बिल पारित कराकर लाया जाए।
इसी माह राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का गठन संभव
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का गठन इसी महीने हो सकता है। संस्कृति मंत्रालय के अधीन बनने वाले इस ट्रस्ट के लिए सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट का मॉडल अपनाए जाने की संभावना है ताकि, केंद्र और राज्य सरकार ट्रस्ट में सदस्यों को नामित कर सकें। सरकार तिरुपति देवस्थानम और श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड सहित दूसरे ट्रस्ट का भी अध्ययन कर रही है।