मुंबई
महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक ड्रामे के बीच शिवसेना के एक टॉप नेता ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच तनाव सुलझाने की गुजारिश की है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के सलाहकार किशोर तिवारी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत से भी खत लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
तिवारी ने कहा, 'हमने मांग की है कि बीजेपी के सीनियर नेता और मंत्री नितिन गडकरी को सेना से बातचीत का काम दें। हमें भरोसा है कि वह न सिर्फ गठबंधन धर्म का सम्मान करेंगे बल्कि दो घंटे के अंदर इस स्थिति को सुलझा लेंगे।' उन्होंने दावा किया कि यह रुकावट पार कर ली जाए तो सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को पहले 30 महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है और फिर बचे हुए कार्यकाल के लिए बीजेपी फैसला कर सकती है कि उसे सीएम पद पर किसे नामित करना है।
तिवारी ने कहा, 'बीजेपी और शिवसेना के मूड और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के काम करने के तरीके को देखते हुए यही सही है कि किसी अनुभवी राजनेता, जैसे गडकरी को महाराष्ट्र में दोनों गठबंधन सहयोगियों के हिंदुत्व और विकास के अजेंडे को पूरा करने के लिए भेजा जाए।' आरएसएस ने इस बारे में कोई जवाब तो नहीं दिया है लेकिन उसके मुखपत्र तरुण भारत के संपादकीय में शिवसेना सांसद संजय राउत को 'झूठा, पिशाच, जोकर और शेख चिल्ली' तक बताया गया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नई तस्वीर सामने आने की संभावनाएं जताई जाने लगी हैं। एनसीपी के एक नेता ने बताया कि पार्टी शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा बनने की इच्छुक है। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन बन पाता है अथवा नहीं। इससे पहले चर्चा थी कि बीजेपी-शिवसेना के साथ अपनी डील को कायम रखने के लिए एक-दो मंत्रालय की और कुर्बानी दे सकती है लेकिन सीएम पद, गृह और शहरी विकास मंत्रालय सेना को नहीं देगी।