पटना
नियोजित शिक्षकों की हड़ताल के बीच बिहार में मैट्रिक की परीक्षा (Bihar Board Matric Exam) सोमवार से शुरू हो रही है. परीक्षा सही तरीके और कदाचार मुक्त हो इसके लिए बिहार बोर्ड (BSEB) द्वारा कई दावे किए गए हैं. इस कड़ी में बोर्ड ने नियमित शिक्षकों के अलावा वित्त रहित कॉलेजों और स्कूलों के शिक्षकों को परीक्षा में जांच के लिए लगाया गया है. बिहार में विभिन्न शिक्षक संघों ने मैट्रिक की परीक्षा से पहले ही 17 फरवरी से हड़ताल पर जाने की घोषणा कर रखी थी, जिसके बाद से दसवीं की परीक्षा पर इसका असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है.
बिहार में मैट्रिक की परीक्षा 17 से 24 फरवरी तक होनी है. सोमवार को पहले दिन विज्ञान विषय की परीक्षा है. मैट्रिक की परीक्षा की बात करें तो इस साल बिहार में 15 लाख 29 हजार 393 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. इसके लिए राज्यभर में 1368 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने के कारण इस बार की परीक्षा दोनों सीटिंग में ली जा रही है. पहली पाली की परीक्षा 9:30 से 12:15 जबकि दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर के 1:45 से 4:30 बजे तक ली जाएगी.
बोर्ड के अध्यक्ष के मुताबिक, पहली पाली में परीक्षार्थियों को 9:20 जबकि दूसरी पाली में 1:35 तक ही परीक्षा केंद्रों में प्रवेश मिल सकेगा. परीक्षा को कदाचार मुक्त कराने के लिए जूता-मोजा पहनने पर रोक लगाई गई है. इसके साथ ही एडमिट कार्ड और पेन के अलावा कुछ अन्य सामान न ले जाने की भी हिदायत दी गई है. परीक्षा को लेकर विभिन्न केंद्रों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. साथ ही पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल भी नियुक्त किए गए हैं. परीक्षा के दौरान सभी केंद्रों के बाहर 200 मीटर तक धारा 144 लागू रहेगी.