नई दिल्ली
स्थानीय लोगों के एक समूह ने नोएडा को कालिंदी कुंज से जोड़ने वाली सड़क से अवरोधक हटाने की मांग को लेकर दिल्ली के शाहीनबाग में सीएए विरोधी धरना स्थल के निकट रविवार को प्रदर्शन किया। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ एक महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे लोगों को जगह खाली कर देनी चाहिए क्योंकि यात्रियों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी रेंज) देवेश श्रीवास्तव और पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पूर्व) चिन्मय बिस्वाल यह सुनिश्चित करने के लिए मौके पर मौजूद हैं कि कोई अप्रिय घटना नहीं हो। इन प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल हैं। इन लोगों ने मौके पर जमकर नारेबाजी की और 'जय श्री राम', 'वंदे मातरम' तथा 'खाली कराओ शाहीन बाग वालों को' जैसे नारे लगाए।
जसोला की रहने वाली रेखा देवी ने कहा, 'हम चाहते हैं कि सड़क खाली हो। वे (संशोधित नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनकारी) पिछले 50 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं । इससे हम लोगों को दिक्कत होती है । हमारे बच्चे स्कूल जाने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि सड़कें बाधित हैं। पुलिस ने बताया कि लगभग 52 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उन लोगों को जल्दी ही रिहा कर दिया जाएगा। जसोला के ही रहने वाले दीपक पटेल ने बताया कि किसी तरह इलाके को पार कर काम पर जाने में सफल हुए हैं।'
पटेल ने बताया, 'बड़े पैमाने पर लगे अवरोधकों के कारण पुलिस हमे धरनास्थल पर प्रवेश करने की इजाजत नहीं देती है जहां एक महीने से अधिक समय से महिलाएं धरना दे रही हैं । मैं किसी तरह क्षेत्र को पार कर काम पर जाने में सफल हुआ हूं। लेकिन कल से, सख्त जांच अभियान जारी है और हमें बिना परिचय पत्र दिखाये उस क्षेत्र से होकर गुजरने की इजाजत नहीं दी गयी। शाहीनबाग में शनिवार को 25 साल के एक युवक ने हवा में दो गोलियां चलायी जिसे बाद में हिरासत में ले लिया गया । इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। एक अन्य प्रदर्शनकारी रेखा खन्ना ने बताया कि वह चाहती हैं कि जल्दी से जल्दी सड़क को खाली कराया जाये।
उन्होंने बताया, 'अब 50 दिन हो गये हैं। मेरे पति नोएडा में काम करते हैं और हमारे बच्चे इसी मार्ग से स्कूल जाते हैं। रेखा ने कहा, 'हम चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी सड़क खाली कराया जाए । मैं यहां केवल एक दिन का विरोध प्रदर्शन करने आई हूं और हमें यहां से जाने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन जो लोग शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें खाली करने को नहीं कहा गया। कम से कम सड़क को एक तरफ से खोला जाना चाहिए।'