सूजन से शरीर में कई दूसरी खतरनाक बीमारियां भी हो जाती हैं। मोटापा, डायबीटीज, दिल की बीमारियां इनमें प्रमुख हैं। जब शरीर को यह लगता है कि बाहर से कोई वायरस, बैक्टीरिया या अन्य माइक्रोऑर्गेनिज्म अटैक कर रहा है, तो शरीर इसे रोकने के लिए संबंधित अंग में सूजन पैदा कर देता है। यह क्रिया शरीर खुद की रक्षा के लिए करता है, लेकिन कई बार शरीर में भीतरी या बाहरी सूजन का कारण इंफेक्शन के बजाय कुछ और हो सकता है, जो आपके लिए इतना खतरनाक हो सकता है कि अंगों को डैमेज भी कर सकता है।
किडनी और हार्ट के मरीजों पर किया टेस्ट
इंसानों से पहले शोधकर्ताओं ने टेस्ट ट्यूब एक्सपेरिमेंट किया फिर चूहों पर टेस्ट किया, ताकि मनुष्यों में इस स्थिति के खतरों का अंदाजा लगाया जा सके। इसके बाद इंसानों पर शोध करने के लिए कुछ ऐसे लोगों को चुना जिन्हें क्रॉनिक किडनी रोग था या हार्ट की बीमारी थी और पाया कि ट्राइग्लिसराइड्स के कारण होने वाली सूजन उनकी किडनियों और धमनियों को डैमेज करने लगी थी। शोधकर्ताओं के अनुसार इस शोध से यह स्पष्ट हो जाता है कि खून में हाई लिपिड लेवल खासकर ट्राइग्लिरसाइड्स के कारण शरीर में खतरनाक सूजन की स्थिति पैदा हो सकती है।
खून में ज्यादा ट्राइग्लिसराइड गंभीर
नेचर इम्यूनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन को जर्मनी की सारलैंड यूनिवर्सिटी के डॉ. टिमो स्पीर और उनकी टीम ने किया है। उन्होंने बताया कि खून में ट्राइग्लिसराइड की बढ़ी हुई मात्रा आपके शरीर में सूजन पैदा कर सकती है। यह जानलेवा भी हो सकती है। खून में मौजूद ट्राइग्लिसराइड्स को ही ब्लड फैट कहा जाता है।
भीतरी सूजन से प्रभावित हो जाती हैं जैविक क्रियाएं
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि हाई ब्लड फैट (खून में ज्यादा ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा) शरीर में भीतरी सूजन पैदा कर सकती है, जिसके कारण व्यक्ति की कई जैविक क्रियाएं प्रभावित होती हैं। यह इतनी खतरनाक हो सकती है कि कई बार शरीर के अंगों या धमनियों को पूरी तरह डैमेज कर सकती है। व्यक्ति के खून में जितना ज्यादा फैट होगा, उसकी मौत जल्दी होने की आशंका उतनी बढ़ जाती है।