नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल रविवार को लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी सहित अलग-अलग क्षेत्र की हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। वहीं, अब शिक्षा निदेशालय का एक सर्कुलर जारी हुआ है, जिसमें दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों के शिक्षकों और प्रिंसिपल्स और अधिकारियों को शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए कहा गया है। सर्कुलर जारी होने के बाद विपक्षी दलों ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है। बता दें कि आप सरकार ने अपने शिक्षा मॉडल का खूब प्रचार किया था और उनका दावा है कि उन्होंने राजधानी के सरकारी स्कूलों का कायापलट कर दिया है।
सर्कुलर में कहा गया है कि सभी स्कूल शपथ ग्रहण में प्रिंसिपल्स के साथ 20 नियमित व गेस्ट टीचर्स को भेजें। शिक्षा निदेशालय ने शपथ ग्रहण के न्योते में कहा, 'सभी प्रिंसिपल 20 शिक्षकों के साथ वाली सूची निदेशालय के ऑफिस को 15 फरवरी तक भेज दें और उसकी एक कॉपी एंट्री गेट पर अटेंडेंस देख रहे संबंधित अधिकारी को भी भेजें।' सभी से आईडी कार्ड लेकर आने कहा गया है। और उन्हें 16 फरवरी सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचना होगा।
उधर, इस सर्कुलर के पब्लिक होते ही बीजेपी और कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है। दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा, 'आम आदमी पार्टी जो मुफ्त योजनाओं की घोषणा से चुनाव जीती है, उनके पास विधायक बहुत हैं, लेकिन पब्लिक सपॉर्ट नहीं है। शपथ ग्रहण में लोगों के भाग न लेने के भय से, इसने 30,000 शिक्षकों को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने को कहा है।'
वहीं, कांग्रेस ने भी आम आदमी पार्टी की खिंचाई की है। पार्टी प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने ट्वीट किया, 'सरकारी आदेश में सरकारी स्कूल के टीचर्स से केजरीवाल के शपथ ग्रहण में शामिल होने कहा गया है। यह साफ है कि शपथ ग्रहण में भीड़ जुटाने को शक्ति का दुरुपयोग हो रहा है।' उधर, आलोचनाओं के बीच शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा, 'उन्हें आप सरकार के शिक्षा मॉडल पर उनके योगदान को सम्मान देने के लिए बुलाया जा रहा है।' हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि उपस्थिति अनिवार्य है या स्वेच्छिक।