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वृहद आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक संकेतों से तय होगी शेयर बाजारों की दिशा

 
नई दिल्ली

 स्थानीय शेयर बाजारों की इस सप्ताह की दिशा ताजा वृहद आर्थिक आंकड़ों तथा अमेरिका-चीन व्यापार विवाद पर वैश्विक बाजारों की प्रतिक्रिया से तय होगी। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। शेयर बाजारों में इस सप्ताह काम के दिन कम होंगे। सोमवार को ‘गणेश चतुर्थी' पर शेयर बाजारों में अवकाश रहेगा। गत शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी सरकारी आंकड़ों में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पांच प्रतिशत दिखी। यह इसका छह साल का न्यूनतम स्तर है।

विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में भारी गिरावट के साथ एक प्रतिशत से भी नीचे आ गयी है तथा कृषि क्षेत्र की गतिविधियां भी सुस्त पड़ी हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि जीडीपी की वृद्धि दर में कमी की उम्मीद थी, लेकिन पांच प्रतिशत की वृद्धि दर का आंकड़ा उम्मीद से काफी खराब है। तीसरी और चौथी तिमाही में पिछले साल के निम्न आधार के प्रभाव से जीडीपी की वृद्धि ऊंची हो सकती है। विजयकुमार ने कहा, ‘‘इसके अलावा रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में कटौती का लाभ भी तीसरी और चौथी में देखने को मिल सकता है। हम सतत वृद्धि के लिए श्रम और भूमि जैसे संरचनात्मक सुधारों की जरूरत है।'' सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉक नोट के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा, ‘‘आगामी सप्ताह सुस्ती भरा रहेगा। कॉरपोरेट क्षेत्र से संकेतकों का अभाव रहेगा। ऐसे में बाजार अंतरराष्ट्रीय संकेतकों से दिशा लेगा।''

इस बीच, सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों के एकीकरण के जरिए चार विशाल बैंक बनाने की घोषणा की है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रमुख खुदरा शोध दीपक जसानी ने कहा कि सार्वजनिक बैंकों का एकीकरण स्वागत योग्य है और यह सार्वजनिक बैंकों की स्थिति में सुधार के लिए पहला कदम है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच सरकार ने पिछले कुछ सप्ताह के दौरान सुधारों की घोषणा बढ़ाई है। विश्लेषकों ने कहा कि बाजार को विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के लिए पीएमआई आंकड़ों का इंतजार रहेगा। इससे भी शेयर बाजारों की धारणा प्रभावित होगी। इसके अलावा मासिक बिक्री आंकड़ों के बाद वाहन शेयरों में गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति की बिक्री अगस्त महीने में 32.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,06,413 इकाई रह गई है। निवेशकों की निगाह रुपए के उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी निवेशकों के प्रवाह पर भी रहेगी। साथ ही अमेरिका-चीन व्यापार विवाद को लेकर घटनाक्रम भी बाजार को प्रभावित करेंगे। बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 631.63 अंक या 1.72 प्रतिशत लाभ में रहा। 

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