विवादों में तेजस्वी की हाईटेक बस, इस्तेमाल करने पर हो सकता है मुकदमा

पटना

बिहार में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले अब रोजगार के मामले पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' की शुरुआत करने वाले हैं. यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव एक हाइटेक बस का इस्तेमाल करेंगे जो पहले से ही विवादों में घिर चुकी है.

23 फरवरी को पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में तेजस्वी यादव 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' की शुरुआत करेंगे. वहीं तेजस्वी जिस बस से यात्रा करेंगे उसे 'युवा क्रांति रथ' का नाम दिया गया है. तेजस्वी इस हाइटेक बस पर राज्य के हर जिले में रैली का नेतृत्व करेंगे.

इसी विवादित बस को लेकर जेडीयू नेता और बिहार सरकार में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री नीरज कुमार ने कुछ नए दस्तावेज पेश किए और आरोप लगाया कि जो आर्थिक जालसाजी करके तेजस्वी ने यात्रा के लिए इस बस को हासिल किया है, वह उसके मास्टरमाइंड हैं. साथ ही उन्होंने कहा है कि तेजस्वी अगर उस बस का इस्तेमाल करते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा भी हो सकता है.

पहले भी किए थे दस्तावेज पेश

इससे पहले भी नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव की बस को लेकर उन पर हमला बोला था और उन पर आर्थिक जालसाजी का आरोप लगाया था. नीरज कुमार ने दस्तावेजों के आधार पर आरोप लगाया था कि तेजस्वी के यात्रा के लिए जिस महंगी 'BENZ' कंपनी के बस की व्यवस्था की गई है, जिसका नंबर BR 01PK 7187 है उसे आरजेडी के पूर्व विधायक अनिरुद्ध यादव ने खरीदा है और तेजस्वी को दिया है.

करोड़ों की बस

नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि आगामी राज्यसभा और बिहार विधान परिषद के चुनाव में टिकट हासिल करने के लिए अनिरुद्ध यादव ने तेजस्वी के साथ यह डील की है. इस पूरे मसले को लेकर विवाद तब और गहरा गया जब नीरज कुमार के दस्तावेजों से यह बात सामने आई कि अनिरुद्ध यादव ने जो करोड़ों की बस खरीदी है वह उसने अपने नौकर मंगल पाल के नाम पर परिवहन विभाग में रजिस्टर करवाई है. नीरज कुमार ने कहा, मंगल पाल एक निर्धन व्यक्ति है जो बीपीएल कार्ड धारक है. वह गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करता है.

हालांकि, इस पूरे विवाद में एक और मोड़ तब आ गया जब पूर्व विधायक अनिरुद्ध यादव ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि इस बस को मंगल पाल ने तेजस्वी के लिए खरीदा है. मंगल पाल की आर्थिक स्थिति को लेकर भी अनिरुद्ध यादव ने कह दिया कि वह गरीब नहीं है, बल्कि वह एक ठेकेदार है जो जीएसटी फाइल करता है और इनकम टैक्स भी जमा करता है.

नए दस्तावेज किए पेश

इसी कड़ी में आज नीरज कुमार ने नए दस्तावेज सामने पेश किए और आरोप लगाया कि मंगल पाल ठेकेदार नहीं है. दस्तावेजों के आधार पर नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि मंगल पाल और उसके परिवार वालों ने 2001-02 में इंदिरा आवास योजना के तहत 20 हजार रुपये की सहायता राशि हासिल की थी. एक अन्य दस्तावेज के आधार पर नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि मंगल पाल ने जनवरी 2020 में खाद्य और उपभोक्ता सुरक्षा अंतर्गत 6 किलो गेहूं और 9 किलो चावल हासिल किया है जो बताता है कि मंगल पाल काफी गरीब है.

वहीं दस्तावेजों के आधार पर नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि मंगल पाल का नाम, जो जीएसटी संख्या में पंजीकृत है, उस पर अनिरुद्ध यादव के पटना आवास का पता है. दस्तावेजों के आधार पर मंगल पाल ने 18-09-2018 को जीएसटी के तहत अपना नाम पंजीकृत करवाया लेकिन उसने कोई भी विवरणी दाखिल नहीं की और उसने अपना वार्षिक टर्नओवर भी शून्य दिखाया.

नीरज कुमार ने कहा कि इस आर्थिक जालसाजी के मास्टरमाइंड तेजस्वी यादव है और अगर उन्होंने इस जालसाजी के तहत हासिल की गई हाइटेक बस का इस्तेमाल किया तो उनके खिलाफ भी केस किया जाएगा. वहीं बिहार सरकार के एक अन्य मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि जिस आर्थिक जालसाजी की बात सामने आई है, बिहार सरकार उसकी जांच कराएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

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