इंदौर
शहर के विधानसभा क्रमांक-एक से कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला (Sanjay Shukla) की मां के निधन पर शुक्रवार को आयोजित शोकसभा (condolence meeting) में बड़ा हादसा हो गया. मरीमाता चौराहे पर हो रहे इस कार्यक्रम के दौरान तेज बारिश की वजह से टेंट का डोम (गोलाकर छत) नीचे आ गिरा. हादसे में एक दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, वहीं एक की मौत हो गई. हादसे के तुरंत बाद नगर निगम और एसडीआरएफ (SDRF) की टीम मौके पर पहुंची और डोम में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. करीब 1 घंटे तक हुई तेज बारिश के चलते डोम के ऊपर पानी भर गया, जिससे डोम (Tent's Dome) नीचे आ गिरा. हादसे में कई लोगों को गंभीर चोटें भी आई हैं जिन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है.
विधायक संजय शुक्ला की मां श्रीमती कृष्णा देवी का बीते 1 अक्टूबर की रात निधन हो गया था. शुक्रवार को उनके निजी निवास के पास मरीमाता चौराहे पर इस बाबत शोकसभा (उठावने) का आयोजन किया गया था. उठावने की समाप्ति से पहले शाम के लगभग 6 बजे अचानक तेज बारिश के कारण वाटरप्रूफ डोम गिर गया. घटना के वक़्त वहां पर 500 से अधिक लोग मौजूद थे. डोम के गिरते ही मौके पर भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. वहीं कुछ लोग डोम के नीचे फंस गए. घटना के समय विधायक संजय शुक्ला और उनका परिवार भी वहीं पर था. पंडाल गिरने से करीब दर्जन भर लोग घायल हुए, जिन्हें विधायक और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने अस्पताल भेजा. घटना की जानकारी मिलते ही इंदौर नगर निगम, एसडीआरएफ और एमपीईबी के अधिकारी-कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे. स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे से कुछ ही देर पहले सांसद और महापौर वहां से निकले थे. विधायक विशाल पटेल और कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा भी बाल-बाल बच गए.
हालांकि घटना के पीछे पहली और आम वजह तो अत्यधिक बारिश और तूफ़ान को ही माना जा रहा है, लेकिन जानकारी मिली है कि हादसे के पीछे कुछ अन्य कारण भी थे. स्थानीय लोगों के मुताबिक पहली वजह तो वाटरप्रूफ टेंट के कारण यह हादसा हुआ. बारिश के कारण टेंट की छत पर पानी भर गया और इसकी निकासी का रास्ता न होने के कारण डोम पानी का भार नहीं सह पाया और नीचे आ गिरा. इसके अलावा जिस जगह टेंट लगा था, उसके करीब एक बड़ा नाला है. बारिश के कारण नाला उफान पर आ गया और टेंट का एक हिस्सा उसकी वजह से जमीन में धंस गया. हालांकि इन गड़बड़ियों का खुलासा तकनीकी जांच का नतीजा आने के बाद ही हो सकेगा.
इधर, हादसे की जानकारी मिलते ही नगर निगम और एमपीईबी जिला प्रशासन, एसडीआरएफ के अधिकारी मौके पर पहुंचे. बचाव दल के स्वास्थ्य विभाग की भी टीम थी, जिसने मामूली रूप से घायलों का प्राथमिक उपचार किया. इसके बाद घटनास्थल पर सर्चिंग अभियान चलाया गया, ताकि कोई भी घायल टेंट के नीचे दबा न रह गया हो. बारिश को देखते हुए इलाके की लाइट भी काट दी गई. एडीएम अजयदेव शर्मा के मुताबिक़ घटना की जानकारी मिलते ही तत्काल रेस्क्यू जारी करवाया गया. घायलों का इलाज जारी है. सीएमओ और सिविल सर्जन खुद स्वास्थ्य सेवाओं का मुआयना कर रहे हैं. पुलिस अधीक्षक युसूफ कुरैशी के मुताबिक़ बारिश के कारण हादसे की आशंका है, तकनीकी कारणों की जांच की जा रही है. एसडीआरएफ प्लाटून कमांडर अश्विन चौधरी ने बताया कि जब बचाव दल मौके पर पहुंचा, उस समय टेंट के अंदर 25 से ज्यादा लोग फंसे थे.