झाबुआ
मध्य प्रदेश की झाबुआ सीट पर विधानसभा चुनाव होना है. इस सीट को लेकर एक तरफ भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है तो दूसरी तरफ प्रदेश की सत्ता पर काबिज कमलनाथ सरकार भी इस सीट को हर हाल में जीतना चाहती है. लेकिन कांग्रेस के लिए अपने ही नेता परेशानी का कारण बन रहे हैं. जी हां, आज झाबुआ के जोबट विधानसभा से विधायक कलावती भूरिया के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के घर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पार्टी के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को टिकट दिए जाने की मांग की है. विधायक कलावती भूरिया ने झाबुआ सीट पर उम्मीदवार को लेकर कहा कि झाबुआ की जनता तय करे प्रत्याशी और जो 40 साल से क्षेत्र में सक्रिय है उसे टिकट दिया जाना चाहिए.
नाम वापसी की अंतिम तारीख है 3 अक्टूबर
इस सीट पर विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है. सोमवार यानी 23 सितंबर से नामांकन भरने का सिलसिला शुरू हो गया है, जो कि 30 सितंबर तक चलेगा. जबकि नाम वापसी की अंतिम तारीख 3 अक्टूबर है. हालांकि अब तक यहां भाजपा और कांग्रेस अपने उम्मीदवार तय नहीं कर पायी है, लेकिन सबसे ज्यादा मुश्किल कांग्रेस के सामने हैं. इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया और विधानसभा चुनाव में बागी रहे जेवियर मेड़ा की दावेदारी से मामला उलझ गया है. वैसे इस सीट पर दावा ठोकने वालों के बारे में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को दिल्ली पहुंच कर हाईकमान को फीडबैक दी है और हाईकमान के मंथन के बाद ही उम्मीदवार का ऐलान होगा.
कमलनाथ ने संभाला मोर्चा
झाबुआ सीट पर कांतिलाल भूरिया और उनके बेटे डॉ. विक्रांत भूरिया को उम्मीदवार बनाने का दबाव कांग्रेस पर बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ मेड़ा भी अपना दम दिखा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक विधानसभा चुनाव के दौरान बाकी तेवर अपनाने वाले मेड़ा को कमलनाथ ने आश्वासन दिया था कि उन्हें विधानसभा उपचुनाव में मौका दिया जाएगा. लिहाजा वह उम्मीद लगाकर बैठे हैं.