राजनीति

वित्त विभाग की मुहर के बाद ही मिलेगा योजनाओ और प्रस्तावों को बजट

भोपाल
विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनायें और प्रस्तावों को बजट तभी मिलेगा जब वित्त विभाग पूरी तरह से परीक्षण करेगा। खासतौर पर ऐसे मामले जिन्हें सरकार ने अपने बजट में तो शामिल कर लिया है लेकिन फाइनेंस डिपार्टमेंट ने पूर्व परीक्षण नहीं किया है।

राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों के लिये योजनाओं के नाम पर बजट का निर्धारण कर दिया है। इनमें कई ऐसे मामले हैं जिनका वित्त विभाग ने परीक्षण नहीं किया है। इसलिये विभाग ने अलग से निर्देश जारी किये हैं। कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में शामिल अपरीक्षित मदों में बजट आवंटन का आहरण तभी किया जा सकेगा जबतक कि विभाग प्रशासनिक मंजूरी प्राप्त नहीं कर लेता है। इसके बाद मामला वित्त विभाग के पास आयेगा और तब बजट जारी करने की स्वीकृति दी जायेगी।

युवा शक्ति योजना, समन्वित सार्वजनिक वितरण प्रणाली प्रबंधन योजना, डेरी साइंस एण्ड फूड टेक्नॉलाजी महाविद्यालय की स्थापना, मुख्यमंत्री बागवानी तथा खाद्य प्रसंस्करण योजना, रामपथगमन अंचल विकास योजना, पुजारी कल्याण कोष, नदी न्यास, मठ मंदिर सलाहकार समिति, वन मानचित्रों का डिजिटाइजेशन, डुमना नेचर सफारी की स्थापना, प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन योजना, राज्य पुस्तकालय की स्थापना, राष्ट्रीय विधि संस्थान, नवीन महाविद्यालय की स्थापना, मुख्यमंत्री सुषेण संजीवनी योजना, अस्पताल और औषधालयों का निर्माण, जबलपुर में आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना आदि।

वित्त मंत्री तरुण भनोत के जबलपुर जिले में 150 करोड़ का शास्त्री ब्रिज का पुर्निनिर्माण होगा। वहीं नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा की शेडकी नदी पर पुल निर्माण के लिये 14 करोड़ 39 लाख का बजट प्रावधान किया गया है। छिंदवाड़ा मटकुली राजमार्ग क्रमांक 19 में 26 करोड़ से अधिक राशि खर्च करके मार्ग का चौड़ीकरण किया जायेगा।

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