पटना
बिहार बंद की सफलता के बाद तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) का खेमा बेहद उत्साहित है. खुद तेजस्वी के लिए यह कामयाबी किसी संजीवनी से कम नहीं है. वह भी ऐसे समय में जब तेजस्वी के नेतृत्व पर ही सवाल उठने शुरू हो गए थे. खबर यह है कि तेजस्वी बिहार बंद से इतने उत्साहित हैं कि नागरिकता संशोधन को लेकर अभी से ही उनकी आगे की रणनीति बनकर तैयार हो गई है. जानकारी के अनुसार, पार्टी CAA को लेकर अब जेल भरो आंदोलन करने वाली है.
दरअसल, तेजस्वी को इस बात का अंदाजा हो गया है कि NRC और CAA को लेकर जिस तरह से उन्हें लोगों का समर्थन मिल रहा है वो इस मौके को ज्यादा से ज्यादा भुनाना चाहते हैं. यही कारण है कि बिहार बंद के बाद तेजस्वी अब जेल भरो आंदोलन की तैयारी में हैं.
बिहार बंद को लेकर आरजेडी और तेजस्वी जिस तरह से उत्साहित हैं, उसके पीछे के रणनीतिकार कोई और नहीं खुद लालू यादव बताए जा रहे हैं. बिहार बंद और अब जेल भरो आंदोलन ये सारा लालू का ही मास्टरप्लान है. बता दें कि लालू यादव एक माहिर राजनीतिज्ञ हैं और उन्हें खूब पता है कि मुद्दों को कैसे भुनाया जाता है.
गौरतलब है कि जिस दिन लोकसभा में CAB पास हुआ और अगले ही दिन राज्यसभा में पेश होना था. इस बीच, लालू ने आनन-फानन में तेजस्वी को NRC और CAB के खिलाफ धरने पर बिठा दिया था. उस वक्त से ही लालू के इशारे पर तेजस्वी खेमा लगातार इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है.
तेजस्वी नागरिकता संशोधन कानून के जरिये मुसलमानों के साथ-साथ अब दलितों और पिछड़ों के वोटबैंक को भी साधने में लगे हैं. जिस तरह से आरजेडी NRC और CAA के खिलाफ आंदोलन कर रही है, उन्हें इस बात का भी डर सताने लगा है कि कहीं मुसलमानों के वोट बैंक को बचाने के चक्कर में हिंदू यानि पिछड़ा वर्ग का वोट न खिसक जाए. यही कारण है कि बिहार बंद के तुरंत बाद तेजस्वी ने ट्वीट करके खुद को हिन्दू साबित करने की कोशिश की है.
बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण देश में शरण लेने आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के उन लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश कर लिया था. ऐसे सभी लोग भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे. इस कानून के विरोधियों का कहना है कि इसमें सिर्फ गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने की बात कही गई है.