भोपाल/गुना
सत्ता में आने के बाद से ही प्रदेश की कमलनाथ सरकार कर्जमाफी को लेकर चारों तरफ से घिरी हुई है।विपक्ष के साथ साथ अब तो सत्तापक्ष के नेता भी कर्जमाफी पर सवाल उठाने लगे है। इसी कड़ी में हमेशा अपने बयानों से सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ बड़ा बयान दिया है। लक्ष्मण सिंह का कहना है कि राहुल गांधी को दस दिन मे कर्जमाफी की घोषणा नही करनी चाहिए थी, इस साल किसानों की कर्जमाफी नहीं हो पाएगी। लक्ष्मण के इस बयान के बाद कांग्रेस में खलबली मच गई है, वही बीजेपी को सरकार को घेरने का मौका मिल गया है।
दरअसल, आज मीडिया से चर्चा करते हुए लक्ष्मण सिंह ने कहा कि दस दिनों में किसानों की कर्जमाफीकी घोषणा राहुल गांधी को नहीं करनी चाहिए थी। इस साल किसानों की कर्ज माफी का पूरा काम नहीं हो पाएगा । हर योजना के क्रियान्वयन में समय लगता है। अब तक हम इसका पूरा आकलन भी नही कर पाए है। 45 हजार की कर्जमाफी करना इतना आसान नही है। उन्होने दावा किया कि किसानों की कर्जमाफी इस साल किसी भी कीमत पर नही हो सकती।
हालांकि कि यह पहला मौका नही है, इससे पहले भी लक्ष्मण सिंह अपनी ही सरकार के खिलाफ तीर चला चुके है।हैरानी की बात तो ये है कि जिस कर्जमाफी और किसान को आधार बनाकर कांग्रेस सत्ता में आई थी, अब उसी पर उनकी ही पार्टी के नेता सवाल खडे कर रहे है, जबकी आने वाले कुछ ही महिनों में झाबुआ उपचुनाव और निकाय चुनाव होने है। लक्ष्मण सिंह का यह बयान आने वाले दिनों में पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।
इस दौरान लक्ष्मण सिंह का मंत्रिमंडल में जगह ना मिलने का दर्द भी छलका। सिंह ने कहा कि मैं पार्टी से अपेक्षा करता हूं कि कही ना कही मेरा भी उपयोग करना चाहिए। मेरे ऊपर ना तो कोई भ्रष्टाचार के आरोप लगे है और ना ही मुझमे अनुभव की कमी है। उम्मीद करता हूं पार्टी मुझे भी कही ना कही मंत्रिमंडल में जगह देगी। वही सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाए जाने पर सिंह ने कहा कि सिंधिया युवा और अनुभवी नेता है और अध्यक्ष बनने के लायक भी। उन्हें मौका मिलना चाहिए।