खेल

रोहित को चिंता और संकोच पर काबू पाने का श्रेय जाता है: विराट कोहली

रांची 
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से पहली बार टेस्ट में पारी का आगाज करते हुए सफलता हासिल करने का श्रेय रोहित को जाता है, क्योंकि उन्होंने ‘चिंता और संकोच’ को खुद पर हावी नहीं होने दिया। कोहली ने कहा कि रोहित की पारियों से गेंदबाजों को 20 विकेट लेने के लिए पूरा समय मिला, जिससे टीम ने 3-0 से सीरीज अपने नाम की। रोहित ने पहले टेस्ट की दोनों पारियों में 176 और 127 रन बनाए, जबकि तीसरे टेस्ट में उन्होंने 212 रन की पारी खेली। टीम प्रबंधन का मानना है कि खेल के सबसे लंबे प्रारूप में रोहित की सफलता मैच का रूख बदलने की ताकत रखती है। कोहली ने एकदिवसीय टीम के उपकप्तान की तारीफ करते हुए कहा, ‘चिंता और संकोच पर काबू पाकर इस तरह का प्रदर्शन करने का पूरा श्रेय खिलाड़ी को ही जाता है, जो सलामी बल्लेबाज के तौर पर पहली ही सीरीज में ही मैन ऑफ द सीरिज रहे। यह उनके लिए शानदार रहा।’

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘वह लंबे समय से एकदिवसीय में सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज के रूप में वह कैसा प्रदर्शन करेंगे, इस बात की आशंका थी। बारिश के कारण दो सत्र का खेल प्रभावित हुआ, लेकिन उन्होंने जिस तेजी से बल्लेबाली की थी उससे टीम को दक्षिण अफ्रीका को दो बार आउट करने का पूरा समय मिला।’ भारतीय शीर्ष क्रम ने सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया, जिससे कप्तान संतुष्ठ दिखे। उन्होंने कहा, ‘मयंक (अग्रवाल) टीम में नए होने के बाद भी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने लगातार अच्छा किया है। अजिंक्य रहाणे ने भी लंबे समय के बाद घरेलू मैदान पर शतकीय पारी खेली (2016 में न्यू जीलैंड के खिलाफ इंदौर में 188 रन की पारी खेलने के बाद)।’ कोहली ने कहा, ‘उन्होंने इससे पहले लंबे समय के बाद वेस्टइंडीज में शतकीय पारी खेली थी। पिछले दो-तीन महीने से टीम सही दिशा में आगे बढ़ रही है। व्यक्तिगत प्रदर्शन का टीम के हित में काम आने को देखकर संतुष्ठि होती है।’ 

कप्तान ने कहा कि उमेश यादव और मोहम्मद शमी ने सीरीज में 24 (60 में से) विकेट चटकाए और उनका स्ट्राइक रेट लंबे समय में दूसरे भारतीय गेंदबाजों से काफी बेहतर रहा। उन्होंने कहा, ‘अगर आप दोनों गेंदबाजों को देखेंगे तो भारतीय परिस्थितियों में उनका स्ट्राइक रेट शायद सर्वश्रेष्ठ होगा। इससे यह पता चलता है कि ये खिलाड़ी स्टंप्स और पैड की लाइन में ज्यादा गेंदबाजी करते है। गेंदबाजी में यह मारक क्षमता देखना अच्छा संकेत है। उनके फिटनेस का स्तर भी बढ़ा है।’ कोहली ने टीम की सफलता का श्रेय सकारात्मक ऊर्जा को किया। उन्होंने कहा, ‘पांच मिनट के लिए अगर आपके अंदर नकारात्मक ऊर्जा आए तो इससे आपका खेल प्रभावित हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘यह मानसिकता पर निर्भर करता है। अगर लोग यह सोचे की हम घसियाली पिच पर शतक लगा सकते हैं तो हम लगा लेंगे जबकि दूसरे बल्लेबाज ऐसा नहीं कर सकेंगे। इसी तरह अगर तेज गेंदबाज पिच से मदद नहीं मिलने के बाद भी सकारात्मक सोचें तो उसे कोई नहीं रोक सकता।’ कोहली ने कहा, ‘यह इस पर भी निर्भर करता है कि टीम क्या चाहती है और यही कारण है कि हमने 31 टेस्ट मैचों में जीत दर्ज की है और हम इसे जारी रखना चाहते है।’ 

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