लखनऊ
उत्तर प्रदेश में अब तक करीब 55 फीसदी होमगार्ड जवानों की ड्यूटी खत्म कर दी गईं है। विभाग में करीब 76 हजार 500 जवानों के मुकाबले सिर्फ 35 हजार होमगार्डों की ड्यूटियां बची हैं। बचे हुए करीब 41 हजार जवान अब घर बैठा दिए गए हैं। इसमें 25 हजार को तो पुलिस महकमे ने हटा दिया है तो खुद होमगार्ड महानिदेशालय ने भी ड्यूटियां कम कर दी हैं। ऐसा सुप्रीम कोर्ट द्वारा दैनिक भत्ता बढ़ाने के दिए गए आदेश के बाद बजट की समस्या के मद्देनज़र हो रहा है।
लखनऊ में धरना देंगे
एक साथ करीब 41 हजार होमगार्ड जवानों की ड्यूटी खत्म किए जाने के फैसले से खफा यह जवान लखनऊ में सरकार और होमगार्ड मुख्यालय के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। उप्र. होमगार्ड्स अवैतनिक अधिकारी व कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेन्द्र कुमार यादव आदि अन्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ समेत विभागीय मंत्री व शासन और मुख्यालय के अफसरों को ज्ञापन देकर कहा कि ड्यूटी खत्म किए सभी जवानों को दोबारा ड्यूटी दी जाए वरना यह जवान धरना देंगे। प्रदेश में होमगार्ड जवानों के स्वीकृत पद एक लाख 18 हजार हैं। जिसके मुकाबले 90 हजार जवान हैं।
मानदेय बढ़ाने के बाद खत्म होना शुरू हुईं ड्यूटी
होमगार्ड संगठनों के पदाधिकारियों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में दिए एक फैसले में सरकार को प्रदेश के होमगार्ड जवानों के मानदेय बढ़ाने का निर्देश दिया था। जिसके संज्ञान में शासन ने एक सितंबर से ही मानदेय 500 रुपये से बढ़ाकर 672 रुपये कर दिया। इसके बाद शासन ने होमगार्ड जवानों की भारी संख्या में ड्यूटियां खत्म कर दी हैं जबकि सात अगस्त 2017 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने जवानों के 375 रुपये के मानदेय में 125 रुपये की बढ़ोत्तरी करते हुए 500 रुपये कर दिया था।
41 हजार से ज्यादा जवान घर बैठे
शासन के निर्देश पर पुलिस विभाग ने 25 हजार होमगार्डों को हटा दिया है। ये जवान पुलिस के साथ ड्यूटी कर रहे थे। इनका मानदेय पुलिस विभाग द्वारा ही दिया जा रहा था। होमगार्ड के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में सिपाहियों की कमी के चलते पुलिस ने होमगार्डों को लिया था। अब सिपाही भर्ती से प्रदेश में सिपाही मिल जाने के बाद होमगार्डों को हटा दिया गया है। वहीं होमगार्ड मुख्यालय ने भी कम बजट का हवाला देते हुए 32 फीसदी होमगार्ड जवानों की ड्यूटी खत्म कर दी। इससे करीब 16 हजार 800 जवान की ड्यूटी पर असर पड़ा है और उनकी ड्यूटी समाप्त हो गई है।
25 हजार से 76 हजार हुई संख्या
वर्ष 2007 से पूर्व में प्रदेश में 25,800 होमगार्ड जवान शांति व्यवस्था, आपदा और यातायात में ड़्यूटी कर रहे थे। बसपा सरकार ने करीब 25 हजार होमगार्डों की ड्यूटी बढ़ाई। जिसके बाद यह संख्या करीब 51 हजार हो गई। उसके बाद वर्ष 2017 भाजपा सरकार द्वारा 25 हजार जवानों की ड्यूटी बढ़ाने के बाद यह संख्या करीब 76 हजार से अधिक हो गई थी। बैंक, जेल, सचिवालय, रेलवे व अन्य सरकारी संस्थाओं में इन्हें लगाया गया था।