भोपाल
खनिज साधन मंत्री प्रदीप जायसवाल ने राज्य खनिज निगम की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य शासन की नई रेत नीति में नीलाम की गई खदानों के लिए संभागवार नियंत्रण केन्द्र बनाए जाएं। इसके अलावा, राज्य स्तर पर निगम मुख्यालय में भी नियंत्रण कक्ष बनाया जाए, जिससे प्रदेश की सभी खदानों की जानकारी नियमित प्राप्त होती रहे।
मंत्री जायसवाल ने राज्य खनिज विकास निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि व्यवसायिक गतिविधियों में तेजी लाएं। उन्होंने आश्वस्त किया कि शासन स्तर पर निगम के लंबित प्रस्तावों का शीघ्र निराकरण किया जाएगा। जायसवाल ने बैठक में निगम को स्वीकृत मुख्य खनिज खदान रॉक फास्फेट, बाक्साईट और कोयला तथा आवंटित गौण खनिज खदान पायरोफिलाइट/डायस्पोर, फर्शी पत्थर, सिलिकासैण्ड/डोलोमाइट की विस्तार से समीक्षा की।
बैठक में बताया गया कि निगम की संयुक्त उपक्रम कंपनियों मेसर्स फॉरच्यून स्टोन्स ग्रेनाइट और मेसर्स किसान मिनरल ग्रेनाइट के विषय में राज्य शासन की तत्कालीन नीति के तहत समस्त संयुक्त उपक्रम को हस्तांतरित किये गए। मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम को पूर्व में आवंटित एवं वर्तमान में अनावंटित कोल ब्लाक्स के विकास, खनन एवं विक्रय के लिए गठित संयुक्त क्षेत्र कंपनियों और परिसमापन की प्रक्रिया के विषय में जानकारी दी गई।
प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, सचिव नरेन्द्र सिंह परमार, निगम के कार्यपालक निदेशक
दिलीप कुमार, संचालक खनिज साधन विनीत कुमार आस्टिन बैठक में उपस्थित थे।