रेड वाइन और कैंसर का रिस्क

कुछ रिसर्च के बाद रेड वाइन प्रेमियों को अब तक यही पता था कि रोज का एक पैग लेने से कैंसर सेल्स बॉडी में पनप नहीं पाती हैं। इसलिए एक पैग में कोई बुराई नहीं। लेकिन एक ताजा रिसर्च में साबित हुआ है कि अगर आप डेली बेसिस पर एक पैग लेते हैं तो यह आपके अंदर कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोकने की जगह बढ़ाने वाला हो सकता है। जापान में हुई इस ताजा स्टडी में शोधकर्ताओं ने अपनी बात को कई रिजल्ट्स के साथ सबके सामने रखा है।

जर्नल कैंसर में पब्लिश हुई यह स्टडी जापान के कई हॉस्पिटल से एकत्र किए गए डेटा पर आधारित है। इस स्टडी के दौरान 63 हजार 232 लोगों की ड्रिंकिंग हेबिट को ऑब्जर्व कर उनमें होनेवाले शारीरिक बदलावों को कंपेयर किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग पिछले 10 साल से हर रोज रात को एक पैग लेते हैं और जो लोग पिछले 5 साल से हर रात को दो पैग लेते हैं, उनमें कैंसर होने का रिस्क समान लेवल पर होता है। इन लोगों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर, ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा कहीं अधिक होता है।

हालांकि इस स्टडी में इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि अल्कोहल से कैंसर का रिस्क कैसे बढ़ता है। रिसर्चर्स द्वारा प्राप्त डेटा के आधार पर इसकी वजह हॉर्मोन्स में होनेवाला बदलाव हो सकता है। नैशनल कैंसर इंस्टिट्यूड के अनुसार, सायंटिस्ट्स अभी इस दिशा में काम कर रहे हैं कि आखिर वाइन से बढ़ते कैंसर के खतरे का मैकेनिज़म क्या है? किन बदलावों के कारण ऐसी परिस्थितियां निर्मित होती हैं।

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