नई दिल्ली
वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट में एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव के बाद इसके IPO की तुलना सऊदी अरब की दिग्गज तेल कंपनी सऊदी अरामको से हो रही है। बाजार के विश्लेषकों के मुताबिक, पैसे जुटाने के मामले में LIC का आईपीओ Saudi Aramco के आईपीओ जैसा ही हो सकता है। बीते साल दिसंबर में सऊदी अरामको ने अपने आईपीओ से 1.82 लाख करोड़ रुपये की रकम जुटाई, जबकि एलआईसी के आईपीओ से सरकार को 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हो सकती है, जो भारतीय कंपनियों के लिए रेकॉर्ड होगा।
केंद्र सरकार ने बीमा क्षेत्र की सबसे दिग्गज कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) में हिस्सेदारी बेचने की घोषणा कर दी है, जिसके लिए जल्द ही आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि आईपीओ आने के बाद एलआईसी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) को पछाड़ते हुए देश की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी बन जाएगी और इसका बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 8-10 लाख करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट की ऐनालिस्ट काजल गांधी ने कहा, 'एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) के लिहाज से एलआईसी देश की सबसे बड़ी कंपनी है और इस हिसाब से लिस्टिंग के दिन यह एमकैप के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी बन सकती है।'
बाजार में एलआईसी के आईपी की तुलना सऊदी अरामको के आईपीओ से की जा रही है। अरामको दुनिया की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी है, जिसने दिसंबर में अपने आईपीओ से कंपनी की सिर्फ 1.5% हिस्सेदारी बेचकर 1.82 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। इसने आईपीओ से पैसे जुटाने के मामले में दिग्गज टेक कंपनी एप्पल तथा माइक्रोसॉफ्ट को भी पछाड़ दिया।
विश्लेषकों का कहना है कि एलआईसी का आईपीओ अरामको की तरह ही हो सकता है और यह भारत का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। फिलहाल यह रेकॉर्ड कोल इंडिया के नाम है, जिसने नवंबर 2010 में आईपीओ से 15,199 करोड़ रुपये जुटाए थे।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सैमको सिक्यॉरिटीज के सीईओ जीमित मोदी ने कहा, 'अगर हम एलआईसी का मूल्यांकन लगभग 10 लाख करोड़ रुपये करें तो इसमें 5% हिस्सेदारी की बिक्री से सरकार को 50,000 करोड़ रुपये का फंड मिल सकता है, जिससे उसे राजकोषीय घाटा दूर करने में मदद मिलेगी।' वर्तमान में एलआईसी की 100% हिस्सेदारी सरकार के पास है।