नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को राफेल डील और सबरीमाला के साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दायर आपराधिक अवमानना याचिका पर भी फैसला सुनाएगा. यह याचिका बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी द्वारा दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए राफेल डील मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तोड़मरोड़ कर पेश किया, जिससे कोर्ट की अवमानना हुई है.
नई दिल्ली से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने अपनी चुनावी रैलियों में बार-बार कहा है कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है. लेखी ने कहा था कि राहुल गांधी ने कोर्ट की आड़ लेकर पीएम मोदी के खिलाफ बयानबाजी की थी और आरोप लगाया था. राहुल गांधी का यह बयान राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया था.
बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने अपनी याचिका में कहा था कि राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के बयानों को राजनीति से जोड़ा है. हालांकि इस मामले में राहुल गांधी ने बिना शर्त माफीनामा भी दाखिल किया था, लेकिन अदालत ने कोई राहत नहीं दी थी.
सुप्रीम कोर्ट में दोनों पक्षों ने क्या दलीलें दी?
सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी की थी. वहीं, मीनाक्षी लेखी की तरह से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी कोर्ट में दलील पेश की थी. उन्होंने कोर्ट से राहुल गांधी के माफीनामा को खारिज करने और कार्रवाई करने की मांग की थी. सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि कोर्ट से दो बार डांट खाने के बाद राहुल गांधी ने तीसरा हलफनामा दाखिल कर अपने बयान पर कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है.
रोहतगी ने कहा था कि राहुल गांधी ने बहुत देर से माफी मांगी है और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसले के मुताबिक देर से मांगी गई माफी स्वीकार नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा था कि वो राहुल गांधी की माफी का विरोध करते हैं. सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ कार्रवाई करे और उन्हें सजा दे. रोहतगी ने कहा था कि राहुल गांधी को जेल भेजा जाए या निंदा या पेनाल्टी की सजा दी जाए या फिर राहुल गांधी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आदेश दिया जाए.
वहीं, राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि राहुल गांधी ने शुरू में ही पहले हलफनामे में अपनी गलती मान ली थी और कोर्ट से खेद भी जताया था. ऐसा उन्होंने कोर्ट से अवमानना नोटिस जारी होने के पहले ही कर दिया था. सिंघवी ने कहा राहुल गांधी ने माफी मांगने या गलती मानने में कोई देरी नहीं की है और कोर्ट उनका हलफनामा स्वीकार करके उनके खिलाफ अवमानना मामला बंद कर दे.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया सुरक्षित
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने दलीलें सुनने के बाद राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल मीनाक्षी लेखी अवमानना याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाने जा रहा है. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमला बोला था. उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा थी कि चौकीदार चोर है.