मध्य प्रदेश

राष्ट्रीय जल सम्मेलन में विषय-विशेषज्ञों ने दिये महत्वपूर्ण सुझाव

 भोपाल

जलाधिकार कानून लागू करने के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जल-जन जोड़ो अभियान द्वारा संयुक्त रूप से मिंटो हॉल में आयोजित 'राष्ट्रीय जल सम्मेलन'' चार सत्र में सम्पन्न हुआ। जल-पुरूष राजेन्द्र सिंह ने सभी सत्रों की अध्यक्षता की।

इस अवसर पर कानूनविद् अनुपम सराफ, तेलंगाना जल बोर्ड के अध्यक्ष प्रकाश राव, झारखण्ड के पूर्व मंत्री सरयू राय, 2030 वाटर रिसोर्स ग्रुप (वर्ल्ड बैंक) के अनिल सिन्हा (नीरी), नागपुर के डॉ. कृष्णा खैरवार, जल गुरु महेन्द्र मोदी, पर्यावरणविद् सुइंदिरा खुराना, सुप्रतिभा शिंदे तथा डॉ. स्नेहिल दोंडे (मुम्बई), कर्नाटक के पूर्व मंत्री वी.आर. पाटिल के अलावा विभिन्न राज्यों से आये अनेक जल और पर्यावरण से जुड़े समाज-सेवी ओर विषय-विशेषज्ञों ने अपने विचार रखकर अपने अनुभव साझा किये। यूनिसेफ इण्डिया प्रमुख माइकल जूमा भी सम्मेलन में उपस्थित थे।

सभी जल विशेषज्ञों एवं वक्ताओं ने जल के अधिकार और प्रदेश की नदियों को पुनर्जीवित किये जाने के संबंध में अनेक पहलुओं पर अपनी बात रखी और महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रदत्त सुझावों को प्रदेश में तैयार किये जा रहे जल के अधिकार अधिनियम में समाहित किया जायेगा। सम्मेलन में पानी के मुद्दे पर महिलाओं की भागीदारी, जन-सामान्य को अधिकार के साथ-साथ जिम्मेदारियों से अवगत कराने के लिये जन-जागरूकता पर जोर दिया गया। विषय-विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि पानी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये स्थानीय स्तर पर जल को सहेजा जाना चाहिये। पानी की उपलब्धता के मान से लोगों को अपनी दिनचर्या एवं क्रिया-कलापों में बदलाव लाना होगा।

मंत्री पांसे ने दिये स्मृति-चिन्ह

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने सम्मेलन में 25 राज्यों से आये प्रतिनिधियों को स्मृति-चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। उन्होंने आशा जताई कि जल अधिकार कानून के विभिन्न पहलुओं पर सम्मेलन में हुई चर्चा और मंथन से बेहतर परिणाम निकलेंगे।

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