अयोध्या
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है और यह तय हो गया है कि अभी तक विवादित रही जमीन पर अब राम मंदिर का निर्माण होगा। कोर्ट का फैसला आने के बाद अस्थायी रामजन्मभूमि मंदिर में 1992 से रामलला की देखरेख कर रहे मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने कहा है कि मूर्ति की स्थापना के लिए मंदिर के निर्माण का इंतजार करना चाहते हैं।
दास ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने भगवान राम के दूसरे वनवास को खत्म कर दिया है जो इस बार 26 साल चला। दास ने कहा, 'जैसे प्रभु ने वनवास झेला था 14 साल तक, 26 साल से अधिक वह तिरपाल में पड़े रहे। बिना राम की कृपा के कुछ नहीं होता। अब कृपा हो गई है, अब टाट से उठाकर भव्य मंदिर में विराजमान होंगे।
'राम की शिक्षा में सबके लिए प्यार'
सत्येंद्र दास को 1 मार्च 1992 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राम की मूर्ति को नहलाने, भोग लगाने, वस्त्र पहनाने और ध्यान रखने के लिए नियुक्त किया था। सदास ने कहा है कि वह वैकल्पिक जमीन पर मस्जिद बनाने में मुस्लिमों की मदद करेंगे। उन्होंने कहा है, 'राम की शिक्षा में सभी अयोध्यावालों के लिए प्यार है, चाहें वह किसी भी धर्म के हों।'