अयोध्या
विश्व हिंदू परिषद (VHP) राम मंदिर निर्माण के बाद वहीं पर अमर जवान ज्योति की तर्ज पर एक विजय स्तंभ का निर्माण कराएगा. इस विजय स्तंभ पर एक ज्योति हमेशा प्रकाशमान रहेगी. इस स्तंभ पर राम मंदिर निर्माण के दौरान अपनी जान गंवाने वाले कारसेवकों के नाम लिखे जायेंगे.
जिन लोगों के नाम इस पर अंकित होंगे उन्हें धर्म योद्धा और राम योद्धा के रूप में जाना जायेगा. राम मंदिर में दर्शन करने आने वाले लोग यहां भी पूजा पाठ और नमन करेंगे. जान गंवाने वाले कारसेवकों के लिए आयोजित होने वाला श्रद्धांजलि कार्यक्रम भी हर साल अब अधिग्रहीत परिसर में ही संपन्न होगा.
इसके लिए बाकायदा श्रद्धांजलि सभा और इससे जुड़े अन्य कार्यक्रमों का आयोजन होगा. अभी तक मरने वाले कारसेवकों का चित्र राम जन्मभूमि निर्माण कार्यशाला में लगाया गया है. इसमें उन लोगों के चित्र भी हैं जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना बड़ा योगदान दिया है.
वीएचपी के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि श्री राम जन्म भूमि का फैसला भी आ गया है और अब हिंदू समाज वहां राम मंदिर निर्माण करने जा रहा है. जब राम मंदिर निर्माण हो जाएगा तब हम वह विजय स्तंभ स्थापित करेंगे. यह विजय स्तंभ होगा उन कारसेवकों की स्मृति में जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी है.
उन्होंने कहा कि चाहे वह 1528 से लेकर 1992 की घटना हो, जिन लोगों ने इसमें आहुति दी है वह सब धर्म युद्ध के रूप में जाने जायेंगे. ऐसे कारसेवकों की याद में विजय स्तंभ का निर्माण होना है और यह स्तंभ उसी प्रकार होगा जैसे इंडिया गेट पर अमर ज्योति जलती रहती है.
शरद शर्मा ने कहा कि अमर ज्योति जवानों के लिए जैसे स्थापित की गई है, वैसे ही यहां अखंड ज्योति के रूप में हम उनको नमन करेंगे. क्योंकि वह हमारे लिए धर्म योद्धा की तरह थे. राम योद्धा थे. यह हमारी स्मृति है. इससे राम मंदिर का निर्माण तो हो जायेगा. लेकिन जो कारसेवक रहे हैं वह धर्म योद्धा के रूप में जानें जाएं.