भोपाल
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने राम पथ वन गमन निर्माण की समीक्षा बैठक में ट्रस्ट बनाने और पथ निर्माण का दायित्व सड़क विकास निगम को सौंपने के निर्देश दिए हैं। कमल नाथ ने कहा कि प्रथम चरण में 30 किलोमीटर अमरकंटक और 30 किलोमीटर चित्रकूट क्षेत्र से पथ का सर्वे कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाए। बैठक में जनसम्पर्क एवं अध्यात्म मंत्री पी.सी. शर्मा एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि राम पथ वन गमन निर्माण कार्य में गति लाई जाए। पथ निर्माण क्षेत्र का सर्वे कार्य तत्काल पूरा करें। पथ के दोनों ओर पौधारोपण सहित जो भी सुविधाएँ और सौंदर्यीकरण के कार्य हैं, उसकी भी योजना समय-सीमा में बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि पथ निर्माण कार्य की सभी औपचारिकताएँ त्वरित गति से पूरी हों। धनराशि की उपलब्धता के संबंध में कहा कि पथ निर्माण के लिए इस वर्ष बजट में 22 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अगले वर्ष भी राशि का पर्याप्त प्रावधान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि राम पथ वन गमन निर्माण में तेजी लाने के लिए शीघ्र ही ट्रस्ट गठित किया जाए। ट्रस्ट में साधु-संतों के साथ जन-प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। इसके निर्माण के लिए भगवान राम के प्रति आस्था रखने वालों से आर्थिक सहयोग भी प्राप्त किया जाए। पथ का निर्माण ट्रस्ट की निगरानी में हो। मुख्यमंत्री ने ट्रस्ट का प्रारुप शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
सड़क विकास निगम को दायित्व
मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण से जुड़े सर्वे आदि का दायित्व सड़क विकास निगम को देने के निर्देश दिए हैं। निगम अध्यात्म विभाग के मार्गदर्शन में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान शासकीय, वन एवं निजी भूमि चिन्हित कर उसके अधिग्रहण सहित अन्य औपचारिकताएं शीघ्र पूरी की जाएं। मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण की चौड़ाई कम से कम 8 फिट रखने को कहा। उन्होंने पथ के गुणवत्तापूर्वक और त्वरित गति से निर्माण कार्य के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाने के निर्देश भी दिए। बैठक में यह भी तय किया गया कि चित्रकूट स्थित मंदिरों को मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट मंदिर अधिनियम के अंतर्गत लाया जाएगा।
सीता माता मंदिर निर्माण के लिए उच्च स्तरीय अधिकारियों का दल लंका जाएगा
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आज लंका में सीता माता के मंदिर तथा साँची में अंतर्राष्ट्रीय के स्तर बौद्ध दर्शन केन्द्र विकसित करने की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि अधिकारियों का उच्चस्तरीय दल लंका सरकार से चर्चा कर सीता मंदिर निर्माण कार्य को अंतिम रूप दे। मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में हुई बैठक में कहा कि अधिकारियों का दल बौद्ध दर्शन के विश्व प्रसिद्ध स्थल बोधगया भी जाए और वहाँ के अनुभवों के आधार पर शीघ्र एक प्रोजेक्ट प्रस्तुत करें। यह दोनों कार्य समय-सीमा में प्रारंभ करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों का दल लंका जाकर वहाँ की सरकार से सीता मंदिर निर्माण संबंधी प्रक्रिया के बारे में चर्चा करे। यह दल सभी मुद्दों पर चर्चा कर मंदिर निर्माण संबंधी कार्य योजना बनाए। इसमें मध्यप्रदेश और लंका की भूमिका का भी स्पष्ट उल्लेख हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साँची में भी जो कार्य किए जाने है, उसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट 10 दिन में तैयार करें और 30 दिन में क्या काम किए जाने हैं, इसे अंतिम रूप दिया जाए। उन्होंने साँची बौद्ध अध्ययन केन्द्र, प्रशिक्षण केन्द्र सहित अन्य कार्यों के संबंध में जापान तथा लंका सहित अन्य बौद्ध धर्म के प्रति आस्था रखने वाले देशों के प्रतिनिधियों से भी चर्चा करने को कहा। मुख्यमंत्री ने चर्चाओं के आधार पर योजना बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव अध्यात्म मनोज वास्तव, अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन एवं संबंधित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।