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रातभर की पहरेदारी, हिंसाग्रस्त इलाकों में दहशत का माहौल

 पहरेदारी
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में पिछले चार दिनों से फैली हिंसा के कारण दहशत का माहौल है. राजधानी के सीलमपुर, जाफराबाद, मौजपुर, कबीरनगर, विजयपार्क आदि इलाकों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. स्थानीय लोग कामधंधा छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं. हालांकि, अब तीसरे दिन स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है.

दरअसल, हिंसा के बीच उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में जमकर उपद्रव हुआ. कई दुकानों में लूटपाट और आगजनी की गई. लूट के कारण लोग अब अपनी दुकानें और घर बचाने के लिए रतजगा करने को मजबूर हैं. वे लोग रात रात को जागकर अपने इलाकों में घर व दुकानों की पहरेदारी कर रहे हैं.
 
विजय पार्क में रहने वाले विजेंद्र कुमार ने बताया, "सोमवार की रात मोहल्ले में उपद्रवियों के हमले के बाद से लोगों में डर और दहशत का माहौल है. हम मार काट नहीं चाहते, लेकिन रात-रात भर जागकर डंडा लेकर घरों की रखवाली करने को मजबूर हो गए हैं. क्योंकि कब कौन आकर के घरों और दुकानों पर हमला कर दे कुछ कहा नहीं जा सकता. डंडे थाम कर हम भले ही उपद्रवी की तरह दिखते हो सच पूछिए तो हमारे लिए मजबूरी हो गई है डंडे थामना. अपना सिर्फ घर बचाना चाहते हैं."

इसी इलाके में रहने वाले राहुल ने जानकारी देते हुए कहा कि वो कॉल सेंटर में जॉब करते हैं. नाइट ड्यूटी करते हैं. लेकिन डर के मारे जाना बंद कर चुके हैं. अपने बॉस को मेल कर घर से ही काम करने की इजाजत मांग चुके हैं.
 
जाफराबाद के इरशाद हिंसा के कारण रोजी रोटी पर असर पड़ने की बात कहते हैं. जूस की दुकान चलाने वाले इरशाद ने कहा कि रविवार से ही उनकी दुकान बंद चल रही है. हर रोज कम से कम वह हजार रुपए कमा लेते थे, मगर यह मामूली सी कमाई भी अब नहीं हो रही है. दुकान में ताला डालना मजबूरी हो गई. हमारे जैसे तमाम दुकानदारों का भी यही हाल है.

सीलमपुर रेड लाइट पर दो दर्जन से अधिक दुकानें हैं लेकिन इसमें सिर्फ एक दुकान खुली है. चाय और पकौड़ी की. चाय पकौड़ी की दुकान पर भी खरीददारों की संख्या बड़ी कम है. आज के लिए मीडियाकर्मी इस दुकान के लिए कस्टमर बने हुए हैं. दुकानदार का कहना है कि तनाव पैदा होने के बाद से राहगीरों ने सीलमपुर से जाफराबाद मौजपुर वाले रोड पर आना जाना कम कर दिया है.

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