भोपाल
राज्यपाल लालजी टंडन ने मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि संशोधन अध्यादेश 2019 को अनुमोदन प्रदान कर दिया है। राज्यपाल टंडन से मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गत दिवस राजभवन में भेंटकर अध्यादेश में होने वाले बदलावों के सभी पहलुओं और उद्देश्यों की विस्तार से जानकारी दी थी।
मुख्यमंत्री ने अध्यादेश पर चर्चाओं के संबंध में राज्यपाल को बताया कि जिन लोगों ने राजभवन की गरिमा के खिलाफ अध्यादेश को सार्वजनिक चर्चा का विषय बनाकर राज्यपाल पर दबाव बनाने का प्रयास किया है, वह उनके निजी विचार हैं। सरकार का उन विचारों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में स्वस्थ मर्यादाओं का पालन जरूरी है। राज्यपाल को मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार संवैधानिक मर्यादाओं के प्रति प्रतिबद्ध है। राज्यपाल टंडन ने कमल नाथ द्वारा चर्चाओं की सम्पूर्ण परिस्थितियों और अध्यादेश के संबंध में दिये गये विवरण से संतुष्ट होकर अध्यादेश अनुमोदित करने का निर्णय लिया।
राज्यपाल टंडन का दृढ़ अभिमत है कि संवैधानिक पदों के विवेकाधिकार पर टीका-टिप्पणी करना संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन है। राज्यपाल पद की गरिमा, निष्पक्ष और निर्विवादित है। इस पर किसी भी प्रकार का प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष दबाव बनाना संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन है। यह कृत्य स्वस्थ लोकतांत्रिक परम्पराओं के लिए हानिकारक है। लोकतांत्रिक परम्पराओं की गरिमा, निष्पक्षता और निर्विवादित कर्तव्य-पालन के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है कि संवैधानिक पद निष्पक्ष और बिना किसी दबाव के कार्य करे।
राज्यपाल टंडन ने स्पष्ट किया है कि राजभवन के दरवाजे प्रत्येक नागरिक के लिए हमेशा खुले हैं। राज्यपाल के समक्ष सभी को समान रूप से अपना पक्ष प्रस्तुत करने का पूरा अवसर दिया जा रहा है। स्वस्थ लोकतांत्रिक परम्पराओं के निर्वहन और संवैधानिक मर्यादाओं के संरक्षण के लिए यह आवश्यक है कि संबंधित विषय पर विचारों को व्यक्त करने में संवैधानिक मर्यादाओं का पालन किया जाए।