रायपुर
मुख्य सचिव सुनील कुजूर की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की राज्य कार्यपालिक समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में राज्य आपदा मोचन निधि के व्यय के संबंध में चर्चा की गई। राजस्व पुस्तक परिपत्र-6-4 में अनुदान सहायता के लिए वर्ष 2019-20 में जिला कलेक्टरों को प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए लोगांे को तत्काल अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के लिए 134 करोड़ 36 लाख 16 हजार रूपए आबंटित किए गए थे। इस आबंटन का कार्योत्तर स्वीकृति बैठक में दी गई। बचाव कर्मियों के प्रशिक्षण एवं मॉकड्रिल के लिए वर्ष 2019-20 में व्यय किए गए 80 लाख 70 हजार रूपए की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।
अग्निशमन एवं राज्य आपदा कार्यवाई बल हेतु उपकरण खरीदी करने तथा इंमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में स्थापित व्ही.सेट की सेवाओं का भुगतान एवं अन्य आकस्मिक खर्च के 23 करोड़ 82 लाख 80 हजार रूपए की कार्योत्तर स्वीकृति दी गई। बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन योजना और जिला आपदा प्रबंधन योजना के पूनरीक्षित प्रारूप का अनुमोदन भी किया गया। महानिदेशक नगर सेना को अग्निशमन एवं प्रशिक्षण संस्थान के लिए 10 करोड़ 62 लाख दिए जाने पर भी चर्चा की गई।
बैठक में सचिव राजस्व विभाग श्री एन.के. खाखा ने जानकारी दी कि मानसून 2019 के दौरान एक जून 2019 से 17 अक्टूबर 2019 तक स्थिति में राज्यभर में 1252.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है, जोकि पिछले दस वर्षो की औसत वर्षा से 8.3 प्रतिशत अधिक है। राज्य के नौ जिलों के 12 तहसीलों में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई है। इन तहसीलों में सूखे की स्थिति निर्मित होने के कारण इन्हें सूखा राहत कार्यो की निगरानी की श्रेणी में रखा गया है। प्रदेश के सुकमा, बस्तर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर जिले में अतिवृष्टि के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी। यहां कुल जनहानि 15, पशुहानि 96, मकान क्षति 1246, फसल क्षति 1837.550 हेक्टेयर और शासकीय परिसंम्पति नुकसान के 540 प्रकरण दर्ज किए गए है। जिला प्रशासन द्वारा बचाव एवं राहत कार्य सुचारू रूप से सम्पादित किए गए है और प्रभावितों को सहायता अनुदान उपलब्ध कराया गया है। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अमिताभ जैन, विशेष सचिव स्वास्थ्य डॉ. सी.आर प्रसन्ना, विशेष सचिव गृह श्री उमेश कुमार अग्रवाल, उप महानिरीक्षक अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं श्री गोवर्धन सिंह दर्रो सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।